हनोई : म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने गुरुवार को कहा कि रखाइन प्रांत में एक नरसंहार की जांच करने के लिए जेल की सजा पाने वाले रायटर के दो पत्रकारों को इसलिए सजा नहीं दीगयी है कि वे पत्रकारहैं. उन्हें कानून तोड़ने पर सजा दीगयी है.
वा लोन (32) और क्याव सोए ओ (28) को रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए देश के कड़े सरकारी गोपनीयता कानून तोड़ने के लिए पिछले सप्ताह सात-सात साल की जेल की सजा सुनायी गयी.
इस सजा पर दुनिया भर में रोष प्रकट किया गया और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया गया. वहीं, मानवाधिकारों की प्रणेता रहीं सू की को इस मुद्दे पर ना बोलने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
उन्होंने विश्व आर्थिक फोरम पर चर्चा के दौरान गुरुवार को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी और दोनों को जेल की सजा सुनाने के अदालत के आदेश का मजबूती से बचाव किया.
उन्होंने कहा, ‘उन्हें इसलिए जेल की सजा नहीं दीगयी कि वे पत्रकार हैं, बल्कि अदालत ने निर्णय दिया कि उन्होंने सरकारी गोपनीयता कानून तोड़ा है.’
वहीं, रायटर के पत्रकारों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें गत वर्ष सितंबर में इन डिन गांव में 10 रोहिंग्या मुसलिमों की न्यायेतर हत्याओं का खुलासा करने के लिए सजा दी गयी है.