प्रभात खबर के खुलासे के बाद मंत्री राजेंद्र ने स्वीकारा,बिल्डर से संबंध

रांची: झारखंड के मंत्री राजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया है कि राजधानी के एक बड़े बिल्डर राजेश श्रीवास्तव (मंटू) उनके पुत्र के बिजनेस पार्टनर हैं. यह वही राजेश श्रीवास्तव हैं, जिनके झारखंड में आठ से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं. हाल के वर्षो में तेजी से उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनियों का फैलाव हुआ है. खबर है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2014 7:56 AM

रांची: झारखंड के मंत्री राजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया है कि राजधानी के एक बड़े बिल्डर राजेश श्रीवास्तव (मंटू) उनके पुत्र के बिजनेस पार्टनर हैं. यह वही राजेश श्रीवास्तव हैं, जिनके झारखंड में आठ से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं.

हाल के वर्षो में तेजी से उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनियों का फैलाव हुआ है. खबर है कि झारखंड के अलावा दूसरे स्थानों पर भी इनका कारोबार फैला है. इस संबंध में जब प्रभात खबर ने राजेश श्रीवास्तव से बात की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि मंत्री राजेंद्र सिंह का पुत्र अनूप सिंह उनका मित्र है.

राजेश श्रीवास्तव की जो कंपनियां यहां कार्यरत हैं, उनमें वास्तु कंस्ट्रक्शन, फ्रेंड्स कंस्ट्रक्शन और मंगलम कंस्ट्रक्शन प्रमुख हैं. इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के कई प्रोजेक्ट राज्य में चल रहे हैं. राजेश श्रीवास्तव की कंपनियों ने रांची के मोरहाबादी में चंद्रा इनक्लेव, शिव माधुरी, हरमू में भाग्यवती इनक्लेव, बूटी मोड़ में तिरुपति गार्डन, थड़पखना में गोपाल इनक्लेव और हिनू में होटल शिवानी इंटरनेशनल नाम के प्रोजेक्ट पूरे कर लिये हैं. इसके अलावा रांची के अरगोड़ा इलाके में सुशीला गार्डन और हजारीबाग के रामनगर में साईं सिटी नाम के प्रोजेक्ट लांच किये गये हैं.

कौन-कौन से हैं प्रोजेक्ट

चंद्रा इनक्लेव, मोरहाबादी

शिव माधुरी, मोरहाबादी

तिरुपति गार्डन, बूटी मोड़

भाग्यवती इनक्लेव, हरमू

गोपाल इनक्लेव, थड़पखना

होटल शिवानी इंटरनेशनल

साईं सिटी, रामनगर

सुशीला गार्डन, अरगोड़ा

राजेंद्र सिंह ने माना, उनके पुत्र और राजेश बिजनेस पार्टनर हैं
रांची: मंत्री राजेंद्र सिंह ने स्वीकार किया है कि उनके पुत्र अनूप सिंह और बिल्डर राजेश श्रीवास्तव दोनों बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में बिजनेस पार्टनर है. उन्होंने यह भी माना कि सूचना आयुक्त पद के लिए उन्होंने राजेश श्रीव़ास्तव के नाम की अनुशंसा की थी. वे प्रभात खबर द्वारा उठाये गये सवालों पर एक संवाददाता सम्मेलन में जवाब दे रहे थे. मंत्री ने प्रभात खबर द्वारा उठाये गये चंद सवालों का ही जवाब दिया, वह भी टालनेवाला. प्रभात खबर द्वारा उठाये गये गंभीर सवालों पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि स्वास्थ्य विभाग में लगभग एक माह में कैसे 441 चिकित्सकों का तबादला कर दिया गया. कैसे 30 नवंबर को 300 लोगों का तबादला किया, जिसमें 107 तबादले आवेदन और निजी कारणों से किये गये थे. इन तबादलों का गणित नहीं बताया. पूर्व स्वास्थ्य सचिव विद्यासागर द्वारा बनायी गयी तबादला नियमावली को कैबिनेट में नहीं भेजने पर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि बंद बड़े ट्रामा सेंटरों में क्यों पोस्टिंग की गयी. जिन चिकित्सा पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप थे, उन्हें क्यों बड़ी जिम्मेवारी दी गयी. इस बात का जवाब नहीं दिया कि एक-एक माह में अधिकारियों का दो-दो बार क्यों तबादला किया गया.
मंत्री ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी हास्पीटल (सदर अस्पताल) को कैबिनेट की अनुशंसा के बावजूद मेदांता को क्यों नहीं दिया गया. मंत्री ने उषा मार्टिन से संबंधित कुछ सवाल प्रभात खबर से पूछे. उषा मार्टिन और प्रभात खबर दोनों अलग-अलग स्वायत्त कंपनी है, उसके दैनिक कामकाज अलग है, प्रभात खबर के अलग है. दोनों के बीच कोई कामकाजी रिश्ता नहीं है. मंत्री ने समीर लोहिया के घर पर हुई आयकर छापामारी की खबर प्रभात खबर में नहीं छापने का मामला उठाया. मंत्री या तो झूठ बोल रहे हैं या उन्हें जानकारी नहीं है. छापामारी की खबर प्रभात खबर के 8.8.13 के अंक में उनके नाम के साथ छपी है. मंत्री ने कुछ और पुरानी खबरों के बारे में जानना चाहा है. मंत्री प्रभात खबर के पुराने अंकों को देखें. पता चल जायेगा कि प्रभात खबर ने कब-कब किसकी-किसकी खबर छापी है.
राजेश ने कहा,राजेंद्र सिंह या उनका परिवार पार्टनर नहीं
हिनू में रहनेवाले बिल्डर राजेश श्रीवास्तव से प्रभात खबर ने उनका पक्ष मालूम करना चाहा. उन्हें प्रभात खबर के पास उपलब्ध कई प्रोजेक्ट की सूची पढ़ कर सुनायी गयी. उसके बाद उनसे सीधे प्रश्न पूछे गये.
क्या आपने इन सभी नामों को पहले सुना है?
हां, सुना है. सभी मेरे प्रोजेक्ट हैं.
क्या सभी प्रोजेक्ट केवल आपके हैं?
नहीं, अकेले मेरे नहीं है. मेरे साथ दूसरे पार्टनर भी हैं.
आप मंत्री राजेंद्र सिंह को जानते हैं?
हां, जानता हूं.
उनके बेटों को आप जानते हैं ?
हां, जानता हूं.
कैसे, क्या वे आपके रिश्तेदार हैं?
नहीं, दोस्त हैं.
कौन दोस्त है, राजेंद्र सिंह?
नहीं, उनका बेटा अनूप. अनूप मेरा दोस्त है.
क्या जिन प्रोजेक्ट में आप पार्टनर हैं, उनमें मंत्री राजेंद्र सिंह या उनका परिवार भी शामिल है?
नहीं. प्रोजेक्ट में वह नहीं हैं.
फिर प्रोजेक्ट में आपके दूसरे पार्टनर कौन हैं?
सभी दोस्त ही हैं, परंतु राजेंद्र सिंह या उनके परिवार का कोई नहीं है.

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