USA : महिला प्रोफेसर ने सुप्रीम कोर्ट के नॉमिनेटेड जज को कोर्ट में घसीटा

वाशिंगटन: जज ब्रेट कावानाह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रोफेसर ने एक संसदीय समिति के समक्ष अपनी गवाही से पहले मामले की जांच एफबीआइ से कराने की बुधवार को मांग की. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जज कावानाह को सुप्रीम कोर्ट के नये जज के लिए नामित किया है. आरोप लगाने वाली महिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2018 9:26 AM

वाशिंगटन: जज ब्रेट कावानाह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रोफेसर ने एक संसदीय समिति के समक्ष अपनी गवाही से पहले मामले की जांच एफबीआइ से कराने की बुधवार को मांग की. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जज कावानाह को सुप्रीम कोर्ट के नये जज के लिए नामित किया है.

आरोप लगाने वाली महिला द्वारा मामले की एफबीआइ जांच कराने की मांग के बाद इस संबंध में 24 सितंबर को होने वाली संसदीय समिति की सुनवाई पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सुनवाई के दौरान महिला प्रोफेसर क्रिस्टिन बी फोर्ड और कावानाह दोनों को समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखना है.

फोर्ड का कहना है कि यौन उत्पीड़न की यह घटना करीब 36 साल पहले हुई थी, जब हाई स्कूल में थीं. हालांकि, जज कावानाह ने इन आरोपों से इन्कार किया है.

उन्होंने कहा है कि वह इस मामले में सीनेट की न्यायिक मामलों की समिति के समक्ष गवाही देने को तैयार हैं. अपने वकीलों के माध्यम से बातचीत के दौरान फोर्ड ने कहा कि इससे पहले कि उन्हें उस दुखद और खौफनाक घटना को फिर से बयां करने के लिए कहा जाये, मामले की जांच एफबीआइ से करायी जानी चाहिए.

सीनेट की न्यायिक मामलों की समिति के अध्यक्ष चक ग्रास्ले को संबोधित कर लिखे पत्र में फोर्ड के वकील ने दलील दी है, ‘कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा मामले की विस्तृत जांच यह सुनिश्चित करेगी कि मामले के महत्वपूर्ण तथ्यों और गवाहों को निष्पक्षता के साथ परखा गया है. साथ ही कोई भी सुनवाई करने या नतीजे पर पहुंचने से पहले समिति को मामले की पूरी जानकारी होगी.’

इस पत्र को सीएनएन ने अपनी खबरों में दिखाया है. रिपब्लिकन सांसद मामले की सुनवाई संसदीय समिति के समक्ष कराने के पक्ष में हैं.

सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने बुधवार को फॉक्स न्यूज को बताया, ‘योजना यह है कि अगर फोर्ड समिति के समक्ष पेश होने की इच्छा रखती हैं, तो उन्हें सोमवार का समय दिया जायेगा. सार्वजनिक तौर पर या बंद कमरे में, मैं चाहता हूं कि उनकी बात सुनी जाये. मैं नहीं चाहता कि उनका मुंह बंद कर दिया जाये. अगर वह बंद कमरे में सुनवाई चाहती हैं, तो वह भी ठीक है.’

उन्होंने कहा कि जज कावानाह को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा. ग्राहम ने कहा कि आप लोग आरोप और सभी रिकॉर्ड की तुलना करें, फिर हम बुधवार को अपना फैसला करेंगे.

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