वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रूसी जांच से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को गोपनीय सूची से बाहर करने के लिये अपनी कार्यकारी शक्तियों को लचीला बना रहे हैं . इस असाधारण कदम पर अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि इससे एफबीआई के स्तर पर ‘‘वाकई में हो रही बुरी चीजों” का पर्दाफाश सुनिश्चित होगा. यह फैसला रूसी जांच के मामले से जुड़े विशेष वकील पर ट्रम्प के लगातार बढ़ते आक्रोश की पृष्ठभूमि में आया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से संवेदनशील स्रोत एवं तरीके उजागर हो सकते हैं तथा यह निजता कानून संरक्षण को भी प्रभावित करेगा. संभावना है कि यह आदेश आगे राष्ट्रपति को खुफिया एजेंसियों से अलग कर सकता है, जिन पर उनकी निगरानी होती है. विशेषज्ञों ने नई चिंता जाहिर की है कि ट्रम्प अपने राजनीतिक लाभ के लिये सरकारी गोपनीयता को गोपनीय सूची से हटा रहे हैं. इस कदम के आलोचकों ने कहा कि किसी जांच पर अविश्वास जताने की कोशिश कर राष्ट्रपति ने स्पष्ट तौर पर अपना विरोध प्रकट किया है क्योंकि वह स्वयं इस जांच की जद में हैं. न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा संभाग के पूर्व प्रमुख डेविड क्रिस ने कहा, ‘‘इस कट्टर नीति का चयन पारंपरिक नीतिक आधारों पर नहीं किया जा रहा हैं.