जकार्ता : इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में शुक्रवार को आये तेज भूकंप में घरों के तबाह होने के साथ ही कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गयी. एक अधिकारी ने बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका जतायी और लोगों से भूकंप के बाद लगनेवाले तेज झटकों के खतरे के चलते घर से बाहर रहने की अपील की.
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.5 थी और इसका केंद्र मध्य सुलावेसी के डोंग्गाला कस्बे से पूर्वोत्तर में दस किलोमीटर की गहराई में था. तेज भूकंप के बाद इंडोनेशिया के कई शहर सुनामी से प्रभावित हुए. स्थानीय आपदा एजेंसी के अधिकारी अकरिस ने कहा, कई घर गिर गये. उन्होंने कहा, यह तब हुआ जब हमें पहले से ही इससे पहले आये भूकंप से प्रभावित नौ गावों से डेटा इकट्ठा करने में मुश्किल आ रही थी. टेलीविजन फुटेज में लोगों को परेशान होकर इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है. राष्ट्रीय आपदा मोचन एजेंसी द्वारा वितरित एक वीडियो में महिलाओं एवं बच्चों को जोर-जोर से रोते-बिलखते हुए देखा जा सकता है.
आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुगरोहो ने कहा कि क्षेत्रों के साथ संपर्क करने में कठिनाई आ रही है. उन्होंने एक बयान में डोंग्गाला इलाके में ‘बहुत नुकसान’ होने की बात बतायी जहां करीब 3,00,000 लोग रहते हैं. एक के बाद एक भूकंप के झटकों ने क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. इनमें 6.7 तीव्रता का भी एक भूकंप था. सुतोपो ने बताया, लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है. भूकंप के बाद लगनेवाले झटकों के खतरे की आशंका देखते हुए घर में नहीं रहना बेहतर होगा. लोगों से सुरक्षित जगहों पर जमा रहने के लिए कहा गया है. ढलानों या पहाड़ी इलाकों की तरफ नहीं जाने को कहा गया है. इससे पहले शुक्रवार को ही डोंग्गाला में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था.
प्राथमिक सूचना के आधार पर एक व्यक्ति की मौत, 10 लोगों के घायल होने और दर्जनों घर बर्बाद होने की खबर मिली थी. इंडोनेशिया की भौगोलिक स्थिति के कारण भूकंप का खतरा हरदम बना रहता रहता है. दिसंबर 2004 में पश्चिमी इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके कारण आयी सुनामी के कारण हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों में 2,20,000 लोग मारे गये थे.