पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत पर लगाया आरोप, आंतरिक राजनीति और चुनाव को देखकर टाली वार्ता
न्यू यॉर्क : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि आंतरिक राजनीति और चुनावी दबाव के कारण भारत उनकी नयी सरकार से बातचीत करने को लेकर अनिच्छुक है. न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कुरैशी के बीच बातचीत होने वाली थी. हालांकि, जम्मू-कश्मीर […]
न्यू यॉर्क : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि आंतरिक राजनीति और चुनावी दबाव के कारण भारत उनकी नयी सरकार से बातचीत करने को लेकर अनिच्छुक है. न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कुरैशी के बीच बातचीत होने वाली थी. हालांकि, जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या और मारे गये कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा टिकट जारी किये जाने के बाद भारत ने पिछले सप्ताह बैठक रद्द कर दी थी.
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एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि वे अनिच्छुक क्यों हैं? साफ है कि राजनीति और चुनावी वजह है. वे मतदाताओं से डरे हुए हैं. वे मझधार में फंसे हुए हैं और उन्हें वापसी में मुश्किलें हो रही हैं. चुनाव पास है. उन्हें (भारत सरकार) लगता है कि इसका विपरीत असर पड़ सकता है.
भारत ने कहा है कि आतंकवादियों को समर्थन दिया जाना बंद करने तक पाकिस्तान के साथ कोई बात नहीं होगी. गुरुवार को भी पाकिस्तान को झटका देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दक्षेस के विदेश मंत्रियों की बैठक से जल्दी निकल गयी थीं. इस बैठक में कुरैशी भी हिस्सा लेने वाले थे. घटना के बारे में एक सवाल पर कुरैशी ने कहा कि काश हम मुस्कराते, लेकिन मैं भारी तनाव और स्वराज के चेहरे पर देख सकता हूं और जब वह गयीं, वह मीडिया से भी बात करने को इच्छुक नहीं थीं. मैं दबाव देख सकता हूं. उन पर जो राजनीतिक दबाव है, वह देख सकता हूं.
उन्होंने कहा कि और कुछ नहीं, राजनीति और आंतरिक राजनीति ही वजह है (जिस कारण से भारत पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता). उन्होंने कहा कि यह देखना दुखद था कि एक देश की जरूरत के कारण एक क्षेत्रीय मंच (दक्षेस) पर यह सब हुआ. मंगलवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ से मिलने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि आज भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है. हमें इस पर कोई मलाल नहीं है, लेकिन हमें लगता है पाकिस्तान ऐसा सहयोगी है, जो हमेशा अमेरिका के साथ खड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान की नयी सरकार के साथ भागीदारी नहीं करता है, तो वह मौके गंवा देगा.