जकार्ता : इंडोनेशिया के सुंबा द्वीप के दक्षिणी तट पर मंगलवार सुबह में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने यह जानकारी दी. भूकंप का केंद्र सुंबा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर जमीन से 10 किलोमीटर की नीचे गहराई में केंद्रित था. सुंबा द्वीप में करीब 750,000 लोग रहते हैं. सुंबा सुलावेसी द्वीप के 1,600 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. सुलावेसी में शुक्रवार को भूकंप और सुनामी आने से 800 से अधिक लोग मारे गये है.
भूकंप और सूनामी से तबाह हुए सुलावेसी में स्वयंसेवकों ने सोमवार को एक हजार से अधिक शवों के लिए सामूहिक कब्र खोदी। आपदा के कारण मची तबाही से निपट रहे अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा है. आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, भूकंप और सूनामी से मरने वालों की संख्या कम से कम 832 है.
खत्म हो रही हैं दवाइयां
आपदा के चार दिन बाद तक भी दूरदराज के कई इलाकों में संपर्क नहीं हो पाया है. दवाइयां खत्म हो रही हैं और बचावकर्ता ध्वस्त इमारतों के मलबे में अब भी दबे पीड़ितों को निकालने के लिए आवश्यक भारी उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं. राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कई दर्जन अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों तथा गैर सरकारी संगठनों के लिए दरवाजे खोल दिये हैं. वह जीवनरक्षक सहायता के लिए पहले से तैयार थीं.
और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी टॉम लेमबोंग ने ट्विटर पर बचावकर्ताओं से कहा है कि वह उनसे सीधे संपर्क करें. उन्होंने लिखा है, ‘‘रविवार रात राष्ट्रपति जोकोवी ने अंतरराष्ट्रीय मदद स्वीकार करने के लिए हमें अधिकृत किया है ताकि आपदा प्रतिक्रिया तथा राहत तत्काल प्राप्त हो सके.’ अधिकारियों को आशंका है कि आगामी दिनों में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
100 मीटर लंबी कब्र
पालू के पहाड़ी इलाके पोबोया में स्वयंसेवकों ने मृतकों को दफनाने के लिए 100 मीटर लंबी कब्र खोदी है. उन्हें 1,300 पीड़ितों को दफनाने की तैयारी करने के निर्देश दिये गये थे. प्राकृतिक आपदा के बाद खराब होते शवों के कारण बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए अधिकारी संघर्ष कर रहे हैं. इसके साथ ही यहां 14 दिन का आपातकाल घोषित किया गया है. पालू के एक होटल के मलबे में 60 लोगों के दबे होने की आशंका है.
भूखे हैं हम..
पालू में एक व्यक्ति ने एएफपी को बताया, ‘‘ कोई सहायता नहीं है, हम भूखे हैं. हमारे पास दुकानें लूटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि हमें भोजन चाहिए.’ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक क्षेत्र में कम से कम तीन जेल से करीब 1,200 कैदी भाग निकले हैं. आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि सुनामी चेतावनी प्रणाली अगर काम करती तो ज्यादा लोगों की जानें बचाई जा सकती थी लेकिन पैसे की कमी की वजह से छह साल से वह काम नहीं कर रहा है.