फ़रार ‘चरमपंथी’ आदिल शेख़ के घरवाले उसे देखना नहीं चाहते

<p>एक तरफ़ 25 साल के आदिल बशीर शेख़ की मीडिया और पूरे कश्मीर में चर्चा है, वहीं आदिल के गांव और घर में सन्नाटा है. हथियारों समेत आदिल के गायब होने की ख़बर के बाद उनका पूरा परिवार समझ नहीं पा रहा है कि क्या किया जाए. </p><p>दक्षिणी कश्मीर के शोपियां ज़िले के ज़ेनापोरा इलाके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2018 8:40 PM

<p>एक तरफ़ 25 साल के आदिल बशीर शेख़ की मीडिया और पूरे कश्मीर में चर्चा है, वहीं आदिल के गांव और घर में सन्नाटा है. हथियारों समेत आदिल के गायब होने की ख़बर के बाद उनका पूरा परिवार समझ नहीं पा रहा है कि क्या किया जाए. </p><p>दक्षिणी कश्मीर के शोपियां ज़िले के ज़ेनापोरा इलाके में आदिल बशीर के घर पर परिवार के सभी लोग मौजूद तो थे, लेकिन घर का हर व्यक्ति ख़ामोश था. इस एक मंज़िला मकान में आदिल के घर कई महिलाएं आदिल के माँ-बाप से मिलने आ रही थीं. </p><p>बीते शुक्रवार को आदिल पीडीपी के एक विधायक अजाज़ अहमद मीर के श्रीनगर वाले घर से सात एके-47 राइफल और एक पिस्तौल उड़ा कर फ़रार हो गए. आदिल जम्मू-कश्मीर पुलिस में स्पेशल पुलिस अफ़सर (एसपीओ) के रूप में पिछले डेढ़ साल से काम कर रहे थे.</p><p>फ़रार होने के तीसरे दिन यानी बीते सोमवार को आदिल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें वो हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के टॉप कमांडर्स के साथ हथियार लहराते ह्ए दिखाई दे रहे हैं. पुलिस ने आदिल की जानकारी देने वाले व्यक्ति को दो लाख़ रुपए के इनाम की घोषणा की है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45399812">कश्मीर में पुलिसवालों को क्यों निशाना बना रहे हैं चरमपंथी</a></p><p>ये पहला मौक़ा था जब कोई एसपीओ इतने सारे हथियार उड़ा कर फ़रार हो गया है. </p><p>आदिल के चार भाई हैं और उनमें से आदिल चौथे भाई हैं. पिता बशीर अहमद शेख़ खुद भी एक चरमपंथी रहे हैं. वह साल 1993 में हथियारों की ट्रेनिंग करने पाकिस्तान गए थे और एक साल बाद पाकिस्तान से वापस लौट आए थे. वह दो साल तक हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के सक्रिय चरमपंथी थे.</p><p>उन्हें साल 1996 में गिरफ़्तार किया गया था और डेढ़ साल वो जेल में बंद रहे थे. </p><p>बशीर अहमद वर्तमान में अपने इलाके की मस्जिद में इमाम का काम करते हैं. इमामत से पहले बशीर अहमद स्कूल में पढ़ाते थे. </p><p> <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40538450">बुरहान वानी की बरसी पर कश्मीर में सन्नाटा</a></p><p><strong>'</strong><strong>मैं उसे कभी देखना नहीं चाहता</strong><strong>'</strong></p><p>अपने बेटे के हथियार उड़ाने और चरमपंथी बनने पर बशीर अहमद कहते हैं कि वह अब अपने बेटे से कभी मिलना नहीं चाहते हैं. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;जब मैंने आदिल के बारे में सुना कि वह हथियार उड़ा कर फ़रार हो गया है तो जैसे मुझे एक ज़ोरदार झटका लगा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसा भी कर सकता है. अगर कभी ऐसा शक़ भी हो जाता तो हम उसे दबाते. उसके किसी दोस्त या हमारे किसी रिश्तेदार ने भी ऐसा नहीं कहा कि मेरे बेटे के अंदर उन्हें ऐसा कुछ नज़र आया.&quot;</p><p>बशीर अहमद कहते हैं, &quot;जब वह एसपीओ की नौकरी करने गया तो मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने उसको ऐसा करने से रोका भी था लेकिन वह नहीं माना. मुझसे कहा कि अगर आप मुझे नौकरी नहीं करने देंगे तो फिर आप भी पछताएंगे कि मेरे बेटे को रोज़गार मिला था लेकिन मैंने करने नहीं दिया. उसने मुझसे कहा था कि मैं रोज़गार के लिए दर-दर की ठोकरें खाता हूँ और मेरे दिमाग में बुरे-बुरे ख्याल आते हैं.&quot;</p><p>फ़रार होने के दिन आदिल सुबह अपने घर आया था और सबसे मिलकर गया था. लेकिन शाम होते-होते आदिल के घरवालों को वो सब सुनना पड़ा जिसकी वे उम्मीद नहीं कर रहे थे. </p><p>बशीर अहमद कहते हैं, &quot;शुक्रवार के दिन सुबह वह यहां घर आया. हम सब से मिल कर गया. मुझसे कहा कि पर्सनल सिक्योरिटी अफ़सर ने फ़ोन पर ड्यूटी पर हाज़िर होने को कहा है. मैंने उसे रुख़्सत किया और वो चला गया.&quot;</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40070079">कौन हैं बुरहान वानी के करीबी रहे सबज़ार? </a></p><h1>चरमपंथी बनकर पछताया</h1><p>अहमद कहते हैं कि जबसे आदिल का ये मामला सामने आया है तब से घर के सब लोग परेशान हैं. वह अपने चरमपंथ के दौर को याद करते हुए कहते हैं कि उनके चरमपंथी बनने से उनके माँ-बाप की मौत हो गई थी. </p><p>उन्होंने बताया, &quot;हमारा घर पहले ही इस चीज़ के लिए जाना जाता था. मैं खुद एक चरमपंथी रहा हूँ. मेरे माँ-बाप मेरी वजह से इस दुनिया से चले गए. मेरी वजह से मेरी माँ को दिल की बीमारी ने पकड़ लिया था. हर दिन फ़ौज और पुलिस के छापे पड़ते थे. ये सब देखते-देखते मेरी माँ चल बसी. फिर मैंने चरमपंथ से तौबा की और काम में जुट गया. अब मैं खुद बूढ़ा हो गया हूँ. सोचा था कि इस बुढ़ापे की उम्र में बच्चे मेरा सहारा बनेंगे लेकिन जो कुछ बेटे ने किया उसकी उम्मीद नहीं थी.&quot;</p><p>जब उनसे पूछा गया कि आपके बेटे ने भी वही रास्ता चुना जो आपने एक ज़माने में चुना था तो वो बोले कि अब उससे कभी मिलना नहीं चाहते. </p><p>&quot;मैं नहीं चाहता हूँ कि बेटे से दूसरी मुलाक़ात हो. फ़ोन पर या किसी और तरीके से भी मैं उससे मिलना नहीं चाहता हूँ. मेरे परिवार में और भी बच्चे हैं. ऐसा ना हो कि मेरे परिवार पर कोई आफ़त आए. एक तो चला गया है लेकिन दूसरे बच्चों को तो ज़िंदा रहना है और हमें भी जीना है.&quot; </p><p><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2016/07/160715_kashmir_pakistan_black_day_sr">बुरहान वानी की याद में पाक मनाएगा ‘काला दिवस'</a></p><h1>कश्मीर के चरमपंथ में हम बहुत कुछ खो चुके हैं</h1><p>बशीर अहमद पूछते हैं कि आदिल के फ़रार होने में उनकी क्या गलती है? वह कहते हैं कि जब इतने हथियार रखे गए थे तो किसी और को भी वहां रहना चाहिए था.</p><p>कुछ साल पहले आदिल पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भी सक्रिय रहे थे. पत्थरबाज़ी के आरोप में उनके ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज हुआ था. पत्थरबाज़ी की घटनाओं में शामिल होने की पुष्टि करते हुए उनके चाचा मोहम्मद अशरफ़ शेख़ ने बताया कि कुछ साल पहले उसके ख़िलाफ़ पत्थरबाज़ी का मामला दर्ज हुआ था. </p><p>अशरफ़ ने बीबीसी को बताया कि उनके तीन रिश्तेदारों (लड़कों) को दक्षिणी-कश्मीर की पुलिस पूछताछ के लिए ले गई है. जबकि कश्मीर की एक स्थानीय समाचार एजेंसी के मुताबिक पंजाब पुलिस ने इंजीनियरिंग के एक छात्र को आदिल के संबंध में हिरासत में लिया है.</p><p>आदिल बिजबिहाड़ा से ग्रैजुएशन कर रहे थे. आदिल के छोटे चाचा मोहम्मद अशरफ़ शेख़ रोते-रोते कहने लगे कि ”जब बीते शुक्रवार को विधायक अजाज़ अहमद ने उन्हें फ़ोन पर बताया कि आदिल हथियार लेकर फ़रार हुआ है तो मेरे होश फाख़्ता हो गए.”</p><p>उन्होंने कहा, &quot;आदिल के घर में बहुत मुश्किलें थीं. वे पांच भाई हैं. मैंने ही उसको विधायक अजाज़ अहमद के ज़रिए एसपीओ की नौकरी पर लगवाया था.&quot;</p><p>अशरफ़ के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उन्होंने कहा, &quot;अगर मुझे ज़रा भी पता चलता तो मैं आदिल को ऐसा करने नहीं देता. जब से कश्मीर में मिलिटेंसी शुरू हो गई है, तब से हम बहुत कुछ खो चुके हैं.&quot;</p><p>आदिल के घर में आई एक महिला ने बताया कि आदिल की माँ दुकान से घर आ रही थीं और रास्ते में ही बेहोश हो गईं. </p><p><strong>ये भी पढ़ें </strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45642386">कश्मीर में इस्तीफ़ा क्यों दे रही हैं महिला पुलिसकर्मी</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45601599">डर के साये में कश्मीर के मुसलमान भाजपा कार्यकर्ता</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45601593">जम्मू कश्मीर में क्यों निशाने पर हैं पुलिसकर्मी?</a></li> </ul><p>पुलिस के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि आदिल के मामले में अभी जाँच चल रही है. आदिल के फ़रार होने के एक दिन बाद पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया था कि आदिल के चरमपंथियों के साथ पहले से ही रिश्ते रहे हैं. </p><p>जम्मू-कश्मीर पुलिस में इस समय क़रीब 35 हज़ार एसपीओ काम कर रहे हैं. सरकार ने हाल ही में एसपीओ की सैलरी छह हज़ार से बढ़ाकर 12 हज़ार कर दी है.</p><p>बीते दो महीनों में कश्मीर घाटी में चरमपंथियों की धमकियों के बाद दर्जनों एसपीओ ने सोशल मीडिया और स्थानीय मस्जिदों में अपनी नौकरियों से इस्तीफे दिए हैं. हालाँकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास कोई भी एसपीओ इस्तीफ़ा देने के लिए सामने नहीं आया है. </p><p>एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि ‘हम इस तरह के इस्तीफ़ों को संजीदगी से नहीं लेते हैं.’ </p><p>चरमपंथी संगठन हिज़्बुल मुजाहिद्दीन ने काम करने वाले सभी एसपीओ को नौकरियों से इस्तीफ़ा देने को कहा है.</p><p>बीते दिनों शोपियां में चरमपंथियों ने दो एसपीओ और एक पुलिस कांस्टेबल का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी और कई एसपीओ को गोली मारकर घायल कर दिया था. बीते कुछ सालों में क़रीब छह एसपीओ चरमपंथी बन गए.</p><p>दक्षिणी-कश्मीर का शोपियां ज़िला इस समय सबसे ज़्यादा चरमपंथ प्रभावित माना जाता है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45110514">कश्मीर में इसलिए फ्लॉप हो रहा अलक़ायदा</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45427212">कश्मीर गैंगरेप : ‘कहां-कहां नहीं तलाशा अपनी बेटी को'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45080198">क्या अनुच्छेद 35 ए का ख़त्म होना भारत से जम्मू-कश्मीर का तलाक़ है?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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