#NobelPrize : डॉ डेनिस मुकवेगे व दुष्कर्म पीड़िता नादिया मुराद को शांति का नोबेल पुरस्कार
स्टॉकहोम : कांगो के डॉ डेनिस मुकवेगे और यजीदी दुष्कर्म पीड़िता नादिया मुराद को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. डेनिस मुकवेज ने अपने कार्यों में मूल सिद्धांत बनाया है -न्याय हर किसी के लिए. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध और सशस्त्र संघर्षों में यौन हिंसा को समाप्त करने के […]
स्टॉकहोम : कांगो के डॉ डेनिस मुकवेगे और यजीदी दुष्कर्म पीड़िता नादिया मुराद को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. डेनिस मुकवेज ने अपने कार्यों में मूल सिद्धांत बनाया है -न्याय हर किसी के लिए. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध और सशस्त्र संघर्षों में यौन हिंसा को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया है.
जानिए, कौन हैं नादिया मुराद जिन्हें मिला है नोबेल शांति पुरस्कार
वहीं नादिया मुराद मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने नरसंहार, सामूहिक अत्याचार, और मानव तस्करी के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम किया है. मुराद का 2014 में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अपहरण कर लिया था. नादिया मुराद को मलाला युसूफजई के बाद सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने का गौरव हासिल हुआ है. नादिया महज 25 साल की हैं, मलाला को यह पुरस्कार वर्ष 2014 में 17 साल की उम्र में मिला था.
नादिया और डॉ डेनिस ने युद्ध और संघर्ष के दौरान यौन हिंसा का एक हथियार के रूप में इस्तेमाल रोकने के लिए कार्य किया, जिसके लिए इन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला.