उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ट्रंप के साथ जल्द करना चाहता है एक और बैठक

सोल : उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं. प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के बाद सोल ने रविवार को शिखर सम्मेलन की बात कही. कोरियाई प्रायद्वीप की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2018 9:45 AM

सोल : उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं.

प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के बाद सोल ने रविवार को शिखर सम्मेलन की बात कही.

कोरियाई प्रायद्वीप की यात्रा के दौरान रविवार की सुबह प्योंगयांग में पोम्पिओ ने पहले दो घंटे तक किम से बातचीत की, फिर दोनों नेताओं ने दोपहर का भोजन भी साथ किया. वहां से पोम्पिओ सोल रवाना हो गये.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पोम्पिओ ने कहा, ‘वह जितनी जल्दी संभव हो, दूसरा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन कराने को लेकर चेयरमैन किम से सहमत हैं.’

हालांकि, इस संबंध में अभी तारीख या जगह तय नहीं है.

बयान के अनुसार, पोम्पिओ और किम ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों, वहां पर अमेरिकी सरकार की उपस्थिति और इसके बदले में अमेरिका द्वारा उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की.

अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ चौथी बार उत्तर कोरिया गये थे.

गौरतलब है कि ट्रंप और किम के बीच पहला शिखर सम्मेलन जून में सिंगापुर में हुआ था. हालांकि, इस सम्मेलन में किम द्वाराकियेगये वादों को आलोचकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर किया गया कमजोर वादा बताया था.

पोम्पिओ ने ट्वीट किया है, ‘सिंगापुर सम्मेलन में हुए समझौतों पर हम आगे बढ़ रहे हैं. मेरी और मेरी टीम की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद.’

किम ने भी पोम्पिओ के साथ हुई अपनी बैठक को ‘अच्छा’ बताया. सुबह की बातचीत के बाद अनुवादक की मदद से किम ने कहा, ‘एक बहुत अच्छा दिन, जो दोनों देशों के लिए अच्छे भविष्य का वादा करता है.’

विदेश विभाग की ओर से बैठक के संबंध में जारी बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया के शासक ने पुनग्ये-री परमाणु परीक्षण केंद्र का दौरा करने के लिए निरीक्षकों को न्योता दिया, जिससे पुष्टि हो सके कि उसे वाकई नष्ट किया जा चुका है. उत्तर कोरिया ने अपने इस केंद्र को मई में ही नष्ट कर दिया था.

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