Survey : इंसान और मशीन के बीच फर्क करने वाले एकमात्र शब्द के बारे में जानकर हैरान रह जायेंगे आप

रांची : चर्चा आम है कि आने वाले दिनों में इंसान के सारे काम रोबोट यानी मशीन करने लगेंगे. अब तो ऐसे भी रोबोट बनने लगे हैं, जो इंसान की तरह बात करते हैं. दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद करते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों के मन में एक सवाल आया कि जैसे-जैसे दिन बीतेगा, अनुसंधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2018 3:49 PM

रांची : चर्चा आम है कि आने वाले दिनों में इंसान के सारे काम रोबोट यानी मशीन करने लगेंगे. अब तो ऐसे भी रोबोट बनने लगे हैं, जो इंसान की तरह बात करते हैं. दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद करते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों के मन में एक सवाल आया कि जैसे-जैसे दिन बीतेगा, अनुसंधान होंगे, ये रोबोट और बेहतर ‘इंसान’ बन जायेंगे. वैसे में इंसान और मशीन के बीच का फर्क कैसे पता चलेगा? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए वैज्ञानिकों ने एक शोध शुरू किया. उसका जो परिणाम सामने आया, उसने सबको चौंका दिया.

शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि मानवता को मशीन से अलग करने वाला यह सबसे अहम तत्व होगा. शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि इसके पीछे बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है. यह हास्य-विनोद का विषय हो सकता है. वर्ष 2018 में तो इस शब्द का खुलकर इस्तेमाल हुआ है. अभिनेता अक्षय कुमार ने बाकायदा इस शब्द का खूब इस्तेमाल किया है.

यह शब्द है ‘मल’. अक्षय कुमार के शब्दों में ‘टट्टी’. जी हां. आपने बिल्कुल सही समझा. यह एक शब्द है, जो मानवता को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अलग करेगा. मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के डिपार्टमेंट ऑफ ब्रेन एंड कॉग्निटिव साइंस ने अपनी शोध के आधार पर यह बात कही है. इसे जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.

इसका उद्देश्य यह पता करना था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या इंसानों की तरह व्यवहार कर सकता है. एलन ट्यूरिंग के ‘मिनिमल ट्यूरिंग टेस्ट’ के शोध के दूसरे संस्करण में करीब 1000 लोगों को शामिल किया गया. उनसे कहा गया कि वे निष्पक्ष जज के पास एक शब्द में कहें कि वो कौन-सी बात है, जो उन्हें मशीनों से अलग करती है. उन्हें स्पष्ट कर दिया गया था कि वे सबसे प्रभावशाली एक शब्द का चयन करेंगे.

शोध में शामिल अधिकतर लोगों ने भावनाओं को महत्व दिया. 47 फीसदी लोगों ने कहा कि कम्प्यूटर में भावनाएं नहीं होती. उसमें सोचने की क्षमता नहीं होती. सबसे ज्यादा लोगों ने ‘प्यार’ को चुना. इसके बाद करुणा और मानवता का नंबर आया.

इसके अलावा भोजन (पिज्जा, पुडिंग), जानवर (पेंग्विन, बिल्ली के बच्चे), शरीर के अंग और उनके कार्य (लिंग, डायरिया) जैसे शब्दों का लोगों ने चयन किया. लोगों ने बूटीलिसियस, ओनोमैटोपोइया और होमर सिंप्सन केपसंदीदा ‘दोह’ जैसे गूढ़ शब्दों का भी चयन किया.

शोध के दूसरे चरण में पहले चरण के मोस्ट पॉपुलर शब्दों को शामिल करते हुए 2,405 लोगों से वही सवाल पूछा गया कि इंसान और मानवता को मशीन से अलग करने वाला सबसे प्रभावशाली एक शब्द क्या है. इनमें सबसे कम लोग इस बात से सहमत थे कि सोचनेके मामले में ‘रोबोट’ इंसान की बराबरी कर पायेगा. ‘प्यार’ और ‘दया’ या ‘करुणा’ को भी लोगों ने खारिज कर दिया.

दूसरी तरफ, ‘मल’ जीत गया. निष्पक्ष जजों ने एकमत से ‘मल’ को एकमात्र शब्द घोषित किया, जो इंसान और मशीन के बीच के अंतर को स्पष्ट कर सकता है. कुछ और शब्द इस होड़ में हो सकते थे, लेकिन मोस्ट पॉपुलर शब्द के चयन की बाध्यता की वजह से लोगों ने उस तरफ ध्यान ही नहीं दिया.

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