ईरान की कमर तोड़ने के लिए अमेरिका ने शुरू किया अभियान, भारत और ईयू से तेल आयात बंद करने की अपील

वाशिंगटन: ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह बंद करने के संबंध में ट्रंप प्रशासन की ओर से तय चार नवंबर की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही इस संबंध में भारत से बातचीत करने के लिए ईरान मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक इसी सप्ताह नयी दिल्ली जा रहे हैं. ईरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2018 10:54 AM

वाशिंगटन: ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह बंद करने के संबंध में ट्रंप प्रशासन की ओर से तय चार नवंबर की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही इस संबंध में भारत से बातचीत करने के लिए ईरान मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक इसी सप्ताह नयी दिल्ली जा रहे हैं.

ईरान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ईरान के प्रति अमेरिकी विदेश नीति कर चर्चा के लिए भारत के अलावा यूरोप की भी यात्रा करेंगे.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, हुक अपनी एक सप्ताह लंबी यात्रा के दौरान पश्चिम एशिया और उसके अपने पड़ोस में ईरान के विध्वंसकारी व्यवहार पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए ‘सहयोगियों तथा साझेदारों’ के साथ चर्चा करेंगे.

भारत यात्रा के दौरान हुक और ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री फ्रांसिस आर फैनन सलाह मशविरे के लिए अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे.

वहीं, लक्ज्मबर्ग में वह यूरोपीय संघ के मंत्रियों की बैठक के लिए एकत्र हुए अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, फ्रांस में हुक और ऊर्जा संसाधन ब्यूरो के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक से भेंट करेंगे.

बेल्जियम में वह अपने यूरोपीय संघ के समकक्षों से भेंट कर ईरानी सरकार के मिसाइल कार्यक्रम जारी रखने पर चर्चा करेंगे.

इस बीच, विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह अपेक्षा करता है कि सभी सहयोगी देश चार नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल की खरीद बंद कर देंगे या फिर दंडात्मक प्रतिबंधों के लिए तैयार रहें.

भारत चार नवंबर के बाद भी ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा, इस संबंध में मीडिया में आयी खबरों परकियेगये सवाल के जवाब में विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि यह मददगार नहीं है.

नोर्ट ने कहा कि चार नवंबर से प्रभावी होने वाले सभी प्रतिबंधों के संबंध में, और आप ईरान के तेल पर प्रतिबंध तथा ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने वाले देशों के खिलाफ जिन प्रतिबंधों की बात कर रहे हैं, उनके संबंध में हमारी पूरी दुनिया में अपने साझेदारों और सहयोगियों से बातचीत हुई है.

उन्होंने कहा कि उन देशों के प्रति हमारी नीतियां बेहद स्पष्ट हैं.

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