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पाक उपचुनाव : इमरान की पार्टी को झटका, नवाज शरीफ की पार्टी की संख्या में सुधार

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में हुए उपचुनावों में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ’ को झटका लगा है, वहीं नेशनल असेंबली में अपनी सदस्य संख्या बढ़ाते हुए, अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन की अगुवाईवाले विपक्षी गठबंधन ने पांच और संसदीय सीटें अपने कब्जे में कर ली हैं. पाकिस्तान में रविवार को पंजाब में नेशनल असेंबली […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में हुए उपचुनावों में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ’ को झटका लगा है, वहीं नेशनल असेंबली में अपनी सदस्य संख्या बढ़ाते हुए, अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन की अगुवाईवाले विपक्षी गठबंधन ने पांच और संसदीय सीटें अपने कब्जे में कर ली हैं.

पाकिस्तान में रविवार को पंजाब में नेशनल असेंबली की नौ सीटों, सिंध में एक सीट, खैबर पख्तूनख्वा की एक सीट के लिए तथा 24 प्रांतीय असेंबली सीटों के लिए उप चुनाव हुए. इन 24 प्रांतीय असेंबली सीटों में से 11 सीटें पंजाब प्रांत में, नौ खैबर पख्तूनख्वा में, दो सिंध में और दो बलूचिस्तान में हैं. जिन सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से ज्यादातर सीटें ऐसी हैं जिनसे, 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में एक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करानेवाले उम्मीदवारों ने बाद में इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देनेवालों में प्रधानमंत्री इमरान खान शामिल हैं जिन्होंने नेशनल असेंबली की पांच सीटों से चुनाव लड़ा और पांचों सीटों पर जीते थे. उपचुनाव में इमरान की पार्टी, उनकी छोड़ी गयी दो सीटों पर हार गयी. उनकी एक सीट लाहौर (एनए-131) है जहां से पूर्व रेल मंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ख्वाजा साद रफीक ने जीत हासिल की है. बन्नू सीट से मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के जाहिद अकरम दुर्रानी ने पीटीआई के नसीम अली शाह को हराया.

पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी 25 जुलाई को हुए चुनाव में दो सीटों से हार गये थे. उपचुनाव में उन्होंने एनए-124 लाहौर में लगभग एकतरफा मुकाबले में पीटीआई के गुलाम मोहिउद्दीन दीवान को हराया. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने बताया कि पीएमएल-एन और पीटीआई ने नेशनल असेंबली में चार-चार सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद ने दो सीटों और एमएमए ने एक सीट जीती है. अब नेशनल असेंबली में विपक्ष की सीटों की संख्या में पांच का इजाफा हुआ है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन को छह और सीटें मिली हैं. उपचुनावों के नतीजों से संघीय या प्रांतीय सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे विपक्षी दलों को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी. प्रांतीय असेंबलियों में पीटीआई ने 11 और पीएमएल-एन ने सात सीटें जीती हैं.

पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अगुवाईवाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और अवामी नेशनल पार्टी ने दो-दो सीटें तथा निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो सीटें जीती हैं. पीएमएल-एन ने पंजाब में 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह सीटें जीतीं, जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी पीटीआई के खाते में पांच सीटें गयीं. पीएमएल-एन ने पीटीआई के गढ़ माने जानेवाले खैबर पख्तूनख्वा में एक प्रांतीय असेंबली सीट भी जीती. परिणामों पर प्रतिक्रिया में सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अगर उपचुनाव के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव प्रचार की अगुवाई की होती, तो पीटीआई नेशनल असेंबली की 11 में से कम से कम नौ सीटें जीत जाती. एक निजी चैनल से बातचीत में चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाए जाने की वजह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रचार नहीं किया.

चुनाव आयोग के मुताबिक, 92.8 लाख मतदाता मतदान करने के पात्र थे. आयोग की ओर से डिजाइन किये गये एक खास ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पहली बार विदेशों में बसे पाकिस्तानी नागरिकों ने भी चुनावों में हिस्सा लिया. कुल 7,489 मतदान केंद्रों में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए थलसेना के हजारों जवान, पुलिसकर्मी, पैरामिलिट्री रेंजर्स और फ्रंटियर कोर के जवान तैनात किये गये थे. चुनाव आयोग ने 1,727 मतदान केंद्रों को अत्यंत संवेदनशील घोषित किया था जहां अतिरिक्त बल तैनात किये गये थे और सुरक्षा कैमरे भी लगाये गये थे.

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