उपराष्ट्रपति नायडू की यूनान, पुर्तगाल के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठक

ब्रसेल्स : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यूनान और पुर्तगाल के प्रधानमंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात की. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और लोगों के बीच संबंध स्थापित करने के तरीकों पर बातचीत हुयी. नायडू 12वें एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) शिखर वार्ता में भाग लेने के लिये ब्रसेल्स में हैं. नायडू ने बृहस्पतिवार को यूनान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2018 2:30 PM

ब्रसेल्स : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यूनान और पुर्तगाल के प्रधानमंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात की. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और लोगों के बीच संबंध स्थापित करने के तरीकों पर बातचीत हुयी. नायडू 12वें एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) शिखर वार्ता में भाग लेने के लिये ब्रसेल्स में हैं.

नायडू ने बृहस्पतिवार को यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास और पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एन्टोनियो कोस्टा के साथ बैठक की और रक्षा, अंतरिक्ष, आधारभूत संरचना और स्टार्टअप के क्षेत्र में संबंध मजबूत करने के लिये सहयोग मांगा. सिप्रास ने उपराष्ट्रपति को यूनान की आर्थिक स्थितियों के बारे में बताया और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता बहाल करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दी.

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विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "सिप्रास ने तारीफ करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि ने वैश्विक आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डाला है ." उन्होंने भारतीय कंपनियों को यूनान में निवेश करने के लिए -खासकर बंदरगाह क्षेत्र में- प्रोत्साहित किया. उन्होंने सही समय पर यूनान आने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भी दिया.
वहीं, नायडू के साथ द्विपक्षीय बैठक में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एन्टोनियो कोस्टा ने कहा कि वे द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति से काफी प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा था और पुर्तगाली कंपनियां काफी उत्साहित हैं क्योंकि उनको भारतीय बाजार में काफी संभावना दिखाई दे रही हैं. नायडू ने विश्वस्तर पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए बनाई गई समिति में शामिल होने के लिए कोस्टा का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल को सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्षा, अंतरिक्ष, आधारभूत संरचना और स्टार्टअप आदि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां व्यवसायिक अवसरों की अधिक संभावना है.

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