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अमृतसर रेल हादसा: ‘नहीं पता था कि वो बहन से आख़िरी बातचीत होगी’

<p>अमृतसर के रहने वाले राहुल डोगरा 59 लोगों की जान लेने वाले रेल हादसे के बाद सदमे में हैं.</p><p>राहुल पूरी रात पागलों की तरह अपनी बहन और उसके परिजनों को ढूंढ़ते रहे. उनकी बहन का परिवार जोड़ा रेलवे क्रॉसिंग के पास दशहरा उत्सव देखने गया था, जहां पर एक ट्रेन लोगों को कुचलती हुई निकल […]

<p>अमृतसर के रहने वाले राहुल डोगरा 59 लोगों की जान लेने वाले रेल हादसे के बाद सदमे में हैं.</p><p>राहुल पूरी रात पागलों की तरह अपनी बहन और उसके परिजनों को ढूंढ़ते रहे. उनकी बहन का परिवार जोड़ा रेलवे क्रॉसिंग के पास दशहरा उत्सव देखने गया था, जहां पर एक ट्रेन लोगों को कुचलती हुई निकल गई. </p><p>आज सुबह राहुल ने अपनी जीजा अमन, सात साल की भांजी कशिश और 12 साल के भांजे नकुल के शवों की अमृतसर के सरकारी अस्पताल के शवगृह में पहचान कर ली, लेकिन उनकी बहन अभी भी लापता है. </p><p>शवगृह के बाहर खड़े राहुल ने कहा, &quot;शुक्रवार शाम मैं अपनी बहन के घर गया था. पूरा परिवार दशहरा उत्सव में जाने के लिए तैयार हो रहा था. मुझे नहीं पता था कि वह मेरी उनसे आख़िरी बातचीत होगी.&quot;</p><p>वह बताते हैं कि जब उन्होंने ट्रेन हादसे के बारे में सुना, वह पागलों की तरह अपनी बहन और उसके परिवार को ढूंढने लग गए. वह हादसे वाली जगह गए और फिर कई अस्पतालों में तलाश कर आए मगर कहीं पर उन्हें वे नहीं मिले. </p><p>राहुल ने कहा, &quot;जब मैं आज सुबह सरकारी अस्पताल में आया तो पुलिस ने मुझे शवगृह में रखे शवों की पहचान करने को कहा. यहां मुझे अपने जीजा, भांजे और भांजी के शव तो मिल गए मगर अब तक पता नहीं कि मेरी बहन कहां है.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45922417">अमृतसर रेल हादसा: ‘डेढ़ साल की नूर मेरी गोद में थी, भीड़ ने उसे कुचल दिया'</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45921985">अमृतसर हादसा : तस्वीरों की ज़बानी पूरी कहानी </a></li> </ul><h1>कई लोग तलाशते रहे अपनों को</h1><p>अमृतसर के सरकारी अस्पताल में 39 शवों में से तीन की पहचान नहीं हो पाई है.</p><p>अमृतसर में ही रहने वाले विजय कुमार पेशे से कारोबारी हैं. उन्होंने इस दुर्घटना में अपने 18 साल के बेटे मुनीष कुमार को खो दिया है. </p><p>विजय ने बताया कि हादसे की ख़बर मिली तो पूरा परिवार रात भर मुनीष को ढूंढता रहा मगर वह कहीं नहीं मिला. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;हम सरकारी अस्पताल और गुरु नानक देव हॉस्पिटल के शवगृहों में गए मगर मनीष नहीं मिला. आज सुबह पुलिस ने कहा कि सरकारी अस्पताल में शवों की पहचान करो. हमें वहां मुनीष का शव मिला.&quot;</p><p><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45924496">अमृतसर रेल हादसा: रावण का किरदार करने वाला भी बना शिकार</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45921981">अमृतसर हादसा: कब, क्या और कैसे हुआ ? </a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45925390">अमृतसर रेल हादसाः क्या ड्राइवर के पास कोई विकल्प था?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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