खाशोगी हत्याकांड से उठे विवाद के बावजूद 1973 का तेल संकट नहीं दोहरायेगा सऊदी अरब

मास्को : सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के बाद पश्चिमी देशों से संबंध बिगड़ने के बावजूद 1973 के तेल संकट को दोहराने की उसकी कोई योजना नहीं है. सऊदी अरब ने 1973 में योम किप्पुर युद्ध के दौरान तेल की कीमतें काफी बढ़ा दी थी, जिससे दुनिया भर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 8:20 PM

मास्को : सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के बाद पश्चिमी देशों से संबंध बिगड़ने के बावजूद 1973 के तेल संकट को दोहराने की उसकी कोई योजना नहीं है. सऊदी अरब ने 1973 में योम किप्पुर युद्ध के दौरान तेल की कीमतें काफी बढ़ा दी थी, जिससे दुनिया भर में मुद्रास्फीति का संकट उत्पन्न हो गया था और कई विकासशील देश सालों के आर्थिक संकट में गिर गये थे. सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद-अल-फालेह ने टास न्यूज एजेंसी को बताया कि 1973 के कदमों को दोहराने की कोई योजना नहीं है.

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उन्होंने टास को दिये साक्षात्कार में कहा कि सऊदी अरब पूरी तरह से एक जिम्मेदार देश है. दशकों तक हमने अपनी तेल नीति को जिम्मेदार आर्थिक कारक के तौर पर इस्तेमाल किया है और हमने इसे राजनीति से अलग रखा है. उन्होंने कहा कि यदि तेल की कीमतें बहुत अधिक बढ़ जायेंगी, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्त हो जायेगी और वैश्विक मंदी का दौर आ जायेगा. सऊदी अरब अपनी नीतियों में संगत रहा है. हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए काम करते हैं.

उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब की आलोचना करने वाले पत्रकार खाशोगी की हाल ही में तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गयी. सऊदी अरब ने इस मामले में विरोधाभासी बयान दिया है. इसके बाद सऊदी अरब के ऊपर पश्चिमी देशों का दबाव बढ़ गया है तथा आर्थिक प्रतिबंधों की आशंका भी उत्पन्न हो गयी है.

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