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बांग्लादेश में मानहानि के आरोप में संपादक गिरफ्तार, जेल भेजे गये

ढाका : बांग्लादेश की अदालत ने विपक्ष के समर्थक प्रतिष्ठित संपादक की जमानत की अर्जी खारिज करते हुए मंगलवार को जेल भेज दिया. संपादक मोइन-उल-हुसैन को मानहानि के एक मामले में सोमवार रात में गिरफ्तार किया गया था. इससे कुछ दिन पहले ही उन्हें टेलीविजन कार्यक्रम में एक महिला पत्रकार को चरित्रहीन कहने के लिए […]

ढाका : बांग्लादेश की अदालत ने विपक्ष के समर्थक प्रतिष्ठित संपादक की जमानत की अर्जी खारिज करते हुए मंगलवार को जेल भेज दिया. संपादक मोइन-उल-हुसैन को मानहानि के एक मामले में सोमवार रात में गिरफ्तार किया गया था. इससे कुछ दिन पहले ही उन्हें टेलीविजन कार्यक्रम में एक महिला पत्रकार को चरित्रहीन कहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था.

ढाका के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कैसर-उल-इस्लाम ने हुसैन की जमानत अर्जी पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा, खारिज की जाती है. 78 वर्षीय संपादक को प़ुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया गया था. आदेश के तुरंत बाद, पुलिस हुसैन को ले गयी. उन्हें ढाका केंद्रीय जेल भेजा जायेगा. वह खुद एक वकील हैं. उत्तरपश्चिमी रंगपुर की अदालत की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट की तामिल करते हुए सादे कपड़ों में आये पुलिस कर्मियों ने सोमवार रात हुसैन को गिरफ्तार कर लिया. वह 2007-2008 की कार्यवाहक सरकार में मंत्री थे. हुसैन ने हाल ही में मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और अन्य मध्यमार्गी दलों के बीच हुए गठबंधन यूनिटी फ्रंट को बनाने में मुख्य भूमिका निभायी थी.

टीवी पर एक परिचर्चा कार्यक्रम में 16 अक्तूबर को हुसैन ने पत्रकार मसूदा भाटी को चरित्रहीन कहा था. भाटी ने बाद में कहा कि कार्यक्रम के बाद हुसैन ने उन्हें फोन कर माफी मांगी है. फिर भी वह मानहानि के कम से कम सात मामलों का सामना कर रहे हैं जो उनके खिलाफ महिला अधिकार समूहों ने देशभर में दायर किये हैं. इसके अलावा उनकी कटु आलोचना भी की गयी. एक मामला भाटी ने भी दायर किया है, जबकि हुसैन ने तीन मामलों में उच्च न्यायालय से जमानत ले ली है, लेकिन पुलिस का कहना है कि उसने उन्हें उस मामले में गिरफ्तार किया है जिसमें वह उच्च न्यायालय से संरक्षण हासिल नहीं कर पाये थे.

हुसैन ‘न्यू नेशन’ दैनिक के मालिक एवं संपादक हैं और उनकी गिनती सरकार के आलोचकों में होती है. भले ही वह किसी पार्टी से संबंध न रखते हों, लेकिन उन्हें उनकी दक्षिणपंथी राजनीतिक विचारधारा के लिए जाना जाता है. बीएनपी ने उनकी गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी रिहाई की मांग की, जबकि हुसैन की जमानत पर सुनवाई के दौरान पार्टी के करीबी कई वकील उनके अधिवक्ता के तौर पर अदालत में पेश हुए. हुसैन बांग्लादेश के सबसे पुराने अखबारों में से एक ‘डेली इत्तेफाक’ के संपादक मंडल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके छोटे आई अनवर हुसैन कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री हैं. उनकी जतिया पार्टी अवामी लीग गठबंधन में घटक है.

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