टोमैटो पिल खाओ, दिल के रोगों को दूर भगाओ!

माइकेल रॉबर्ट स्वास्थ्य संपादक, बीबीसी न्यूज ऑनलाइन ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक अहम अध्ययन के बाद बताया है कि रोज एक ‘टोमैटो पिल’ खाने से दिल के रोगों से बचा जा सकता है. टोमैटो पिल यानी वह गोली जो टमाटर के महत्वपूर्ण तत्वों से बनी है. वैज्ञानिकों ने जब 72 वयस्कों पर ‘डमी ड्रग’ यानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2014 12:52 PM

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक अहम अध्ययन के बाद बताया है कि रोज एक ‘टोमैटो पिल’ खाने से दिल के रोगों से बचा जा सकता है. टोमैटो पिल यानी वह गोली जो टमाटर के महत्वपूर्ण तत्वों से बनी है.

वैज्ञानिकों ने जब 72 वयस्कों पर ‘डमी ड्रग’ यानी परीक्षण के लिए तैयार दवा के मुक़ाबले टोमैटो पिल के प्रभाव का अध्ययन किया तो पाया कि इसे खाने के बाद उनकी रक्त धमनियों ने बेहतर तरीके से काम किया.

लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अभी यह साबित करने के लिए और अध्ययन करने की जरूरत है.

टोमैटो पिल में लाइकोपिन होता है, जो प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट है और इसी के कारण टमाटर का रंग लाल होता है.

विशेषज्ञों को काफ़ी समय से संदेह था कि लाइकोपिन कई बीमारियों से बचने में मददगार हो सकता है जिनमें कुछ कैंसर और ह्रदय रोग भी शामिल हैं.

ऐसे भी संकेत मिले हैं कि टमाटर से भरपूर खाना सेहतमंद होता है. फल, सब्जियां और ज़ैतून का तेल भी फ़ायदेमंद होता है.

स्वास्थवर्धक खाने की सलाह हमेशा दी जाती है लेकिन वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इनमें से कुछ तत्वों को क्या एक गोली की शक्ल में ढाला जा सकता है ताकि इसके सेवन में आसानी हो.

टोमैटो पिल

कैमन्यूट्रा नाम की कंपनी ने अपनी "टोमैटो पिल" बनाई है.

कैमन्यूट्रा से अलग कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक टीम ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि टोमैटो पिल का असर होता है या नहीं.

इसके लिए उन्होंने 36 दिल के मरीजों और 36 स्वस्थ लोगों को चुना. सभी को दो महीने तक एक गोली की खुराक दी गई. यह गोली या तो टोमैटो पिल थी या प्लेसिबो (डमी ड्रग).

परीक्षण संतोषजनक हों, इसके लिए न तो शोधकर्ताओं और न ही वॉलंटियरों को ये बताया गया कि उनको खाने के लिए दी गई गोली टोमैटो पिल है, या प्लेसिबो है. यह परीक्षण दो महीने चला. अंत में नतीजे सामने थे.

तुलना के लिए शोधकर्ताओं ने बाज़ु के अगले वाले हिस्सों में रक्त के प्रवाह को मापा. इससे भविष्य में हृदय रोग होने से का संकेत मिलता है, क्योंकि पतली रक्त धमनियों की वजह से हृदय रोग और दिल का दौरा पड़ सकता है.

हृदय रोगियों में टोमैटो पिल से बाज़ु के अगले हिस्से में रक्त का प्रवाह सुधरा जबकि प्लेसिबो का कोई असर नहीं हुआ.

इस शोध के नतीजे ‘पीएलओएस वन’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं.

शोधकर्ताओं की इस टीम का नेतृत्व करने वाले शोधकर्ता डॉ. जोसेफ चेरियन ने बताया कि शोध के नतीजे आशा तो जगाते हैं लेकिन "रोज टोमैटो पिल का सेवन उपचार के दूसरे तरीकों का विकल्प नहीं बन सकता, लेकिन दूसरी दवाओं के साथ यदि इसे लिया जाए तो मरीज को अतिरिक्त फायदा मिल सकता है."

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