अमेरिका में भारतीय युवाओं को नौकरी देगी टीसीएस, देखें किन कंपनियों में कितनी वेकेंसी

अमेरिका में टॉप 10 में पहुंची टीसीएस, नौकरी के मामले में सातवें नंबर पर एच-1बी वीजा को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अमेरिकी सरकार ने विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में नौकरी देने को लेकर फॉरेन लेबर सर्टिफिकेशन जारी किया है. अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा जारी इस प्रमाण के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2018 6:02 AM
अमेरिका में टॉप 10 में पहुंची टीसीएस, नौकरी के मामले में सातवें नंबर पर
एच-1बी वीजा को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अमेरिकी सरकार ने विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में नौकरी देने को लेकर फॉरेन लेबर सर्टिफिकेशन जारी किया है.
अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा जारी इस प्रमाण के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) भारत की इकलौती ऐसी कंपनी बन गयी है जो एच-1बी वीजा के लिए फॉरेन लेबर सर्टिफिकेशन पाने वाली शीर्ष दस कंपनियों में शामिल है. यह प्रमाणन वित्त वर्ष 2018 के लिए दिया गया है.
लंदन की अर्नेस्ट एंड यंग इस तरह का प्रमाणन पाने वाली शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनी है. लंदन की इस कंपनी को एच-1बी के तहत आने वाले कामों से जुड़े 1,51,164 पदों के लिए यह प्रमाणन मिला है. यह वित्त वर्ष 2018 के लिए दिये गये कुल विदेशी श्रम प्रमाणन का 12.4 प्रतिशत है.
इसके बाद डेलॉइट कंसल्टिंग को 68,869, भारतीय अमेरिकी कंपनी कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी कॉर्प को 47,732, एचसीएल अमेरिका को 42,820, के फोर्स इंक को 32,996 और एपल को 26,833 प्रमाणन मिले हैं. टीसीएस को 20,755 एच-1बी प्रमाणन मिले हैं. शीर्ष दस में शामिल वह इकलौती भारतीय कंपनी है.
इन कंपनियों में इतनी वेकेंसी
कंपनी नौकरी
अर्नेस्ट एंड यंग 1,51,164
डेलॉइट कंसल्टिंग 68,869
कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी कॉर्प47,732
एचसीएल अमेरिका 42,820
फोर्स इंक 32,996
एपल 26,833
टीसीएस 20,755
क्वालकॉम टेक्नोलॉजी 20,723
एमफैसिस कॉरपोरेशन 16,671
एच1-बी वीजा की मांग सबसे अधिक भारतीयों में
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच एच1-बी वीजा की मांग सबसे अधिक रहती है. यह वीजा अमेरिका में नियोक्ताओं को बिना आव्रजन अस्थायी तौर पर विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है.

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