इंडोनेशिया के सुरबाया शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की अनोखी शुरुआत, पैसे न हों तो बोतल देकर लीजिए टिकट
लोहा, प्लास्टिक, कागज आदि को रद्दी में बेचकर लोगों को पैसे लेते तो हमलोगों ने भी देखा है. लेकिन, इनके बदले अगर हर दिन के खर्च जैसे ऑटो भाड़ा निकल आये, तो क्या कहना. सोचने से थोड़ा अटपटा लगता है और हमारे यहां शायद ही कोई इसपर अमल करने को तैयार हो. लेकिन, इंडोनेशिया के […]
लोहा, प्लास्टिक, कागज आदि को रद्दी में बेचकर लोगों को पैसे लेते तो हमलोगों ने भी देखा है. लेकिन, इनके बदले अगर हर दिन के खर्च जैसे ऑटो भाड़ा निकल आये, तो क्या कहना.
सोचने से थोड़ा अटपटा लगता है और हमारे यहां शायद ही कोई इसपर अमल करने को तैयार हो. लेकिन, इंडोनेशिया के सुरबाया शहर में कचरे के बदले बस का टिकट दिया जा रहा है. बस के टिकट के लिए यात्री 10 प्लास्टिक कप या पांच बोतल दे सकते हैं. इस कदम का मकसद लोगों को कचरा रिसाइकल करने के लिए प्रेरित करना है. इंडोनेशिया में शुरू हुए इस पहल का असर यह हुआ कि लोग ऑफिस जाते समय खुब सारा प्लास्टिक ले जाना पसंद कर रहे हैं. जिनके पास प्लास्टिक कचर नहीं है, वे रास्तों से इसे चुनकर ले जा रहे हैं. नतीजा यह हो रहा है कि सड़कों और गलियों में प्लास्टिक कचरे का नामोनिशान नहीं है.
वहां के अधिकारियों का मानना है कि लोगों के लिए यह एक अच्छी डील है. इससे न सिर्फ सड़कें साफ हो रही हैं, बल्कि लोगों को मुफ्त सफर करने का भी आनंद मिल रहा है. सुरबाया में इस पहल की शुरुआत अप्रैल 2018 में हुई.
यहां के निवासियों का कहना है कि हम इस तरह घर में कचरा जमा होने से रोक सकते हैं क्योंकि हमें इसे बस यहां तक लाना है. आगे इसका बेहतर इस्तेमाल हो सकता है और हमारा फायदा भी. प्लास्टिक से समुद्री प्रदूषण बढ़ाने वालों में चीन के बाद इंडोनेशिया दूसरे नंबर पर है.
दो घंटे के सफर के लिए दीजिए 10 प्लास्टिक कप
2030 तक प्लास्टिक मुक्त बनाने का लक्ष्य
सुरबाया के परिवहन प्रमुख इरफान वाह्यू द्राजाद कहते हैं कि दुनिया भर से निकलने वाले कचरे में इंडोनेशिया का बड़ा हिस्सा है. इस पहल से उम्मीद है कि लोगों में प्लास्टिक कचरे और इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ेगी. यहां रोजाना निकलने वाले 400 टन कचरे में 15 फीसदी प्लास्टिक होता है. एक बस रोजाना 250 किलो कचरा इकट्ठा करती है.