बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक अौर मामले मामले में सात साल की सजा
ढाका : बांग्लादेश की बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उनके पति के नाम के एक चैरिटेबल ट्रस्ट से धन के गबन से जुड़े भ्रष्टाचार के दूसरे मामले में एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सात साल की कैद की सजा सुनायी जो उनके लिए एक बड़ा झटका है. वह पहले से ही एक अनाथालय […]
ढाका : बांग्लादेश की बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उनके पति के नाम के एक चैरिटेबल ट्रस्ट से धन के गबन से जुड़े भ्रष्टाचार के दूसरे मामले में एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सात साल की कैद की सजा सुनायी जो उनके लिए एक बड़ा झटका है. वह पहले से ही एक अनाथालय के धन के गबन से जुड़े एक अन्य मामले में पांच साल की सजा सुनाये जाने के बाद सलाखों के पीछे हैं.
यह अनाथालय उनके पति दिवंगत राष्ट्रपति जियाउर रहमान के नाम पर है. नयी सजा जिया चैरिटेबल ट्रस्ट मामले से संबंधित है और दिसंबर में होनेवाले आम चुनाव से पहले सुनायी गयी है. मामले के अनुसार, जिया (73) और तीन अन्य लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ट्रस्ट के लिए अज्ञात स्रोतों से 3,75,000 डॉलर जुटाये. न्यायाधीश मोहम्मद अख्तरूज्जमां ने ढाका के नजीमुद्दीन रोड इलाके में स्थित पूर्व केंद्रीय कारागार में बनायी गयी अस्थायी अदालत के परिसर में यह फैसला सुनाया. जेल अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नेता जिया को अदालत में पेश करने में बार-बार नाकाम रहे जिसके बाद मामले में आखिरी सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में हुई.
गौरतलब है कि जिया ने हाल में अदालत में शिकायत की थी कि उनके हाथ और पैर धीरे-धीरे सुन्न पड़ रहे हैं. भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला 2011 में दायर किया था. जिया के राजनीतिक मामलों के पूर्व सचिव हारिस चौधरी, उनके पूर्व सहयोगी एवं बीआईडब्ल्यूटीए (बांग्लादेश इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट ऑथिरिटी) के पूर्व कार्यवाहक निदेशक जियाउल इस्लाम मुन्ना और ढाका के पूर्व मेयर सादिक हुसैन खोका के निजी सचिव मोनिरुल इस्लाम खान मामले में दोषी करार दिये गये तीन अन्य हैं. मुख्य अभियोजन वकील मुशर्रफ हुसैन काजोल ने कहा, सभी तीनों मुजरिमों पर 10 लाख टके का जुर्माना भी लगाया गया है.
काजोल ने कहा, न्यायाधीश ने साथ ही भू-खंड को राज्य के पक्ष में जब्त करने का आदेश दिया. बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस फैसले को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है और कहा कि पार्टी इसके विरुद्ध देशव्यापी प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा, बीएनपी इस फैसले को खारिज कर रही है. इससे पहले दिन में बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई स्थगित करने की जिया की दरख्वास्त को खारिज कर निचली अदालत के लिए इस मामले में अपना फैसला सुनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. यह फैसला बड़ा अहम है क्योंकि यह दिसंबर में होनेवाले संसदीय चुनाव से पहले आया है. जिया की पार्टी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था.