इराक़: मूसल पर आईएसआईएस का क़ब्ज़ा, लाखों लोगों ने घर छोड़ा

इराक़ के दूसरे सबसे बड़े शहर मूसल पर इस्लामी चरमपंथियों के नियंत्रण हासिल कर लेने के बाद डेढ़ लाख से अधिक लोगों को शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. मूसल और और पड़ोसी निनवेह प्रांत के बड़े हिस्से पर चरमपंथी संगठन आईएसआईएस के जिहादियों का नियंत्रण हो जाने के बाद शहर छोड़कर भागने वालों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2014 11:38 AM

इराक़ के दूसरे सबसे बड़े शहर मूसल पर इस्लामी चरमपंथियों के नियंत्रण हासिल कर लेने के बाद डेढ़ लाख से अधिक लोगों को शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है.

मूसल और और पड़ोसी निनवेह प्रांत के बड़े हिस्से पर चरमपंथी संगठन आईएसआईएस के जिहादियों का नियंत्रण हो जाने के बाद शहर छोड़कर भागने वालों में सुरक्षा बल भी शामिल हैं.

इराक़ी प्रधानमंत्री ने नूरी अल-मलिकी ने और अधिक शक्तियां हासिल करने के लिए संसद से देश में आपातकाल लगाने की अपील की है.

आईएसआईएस का ख़तरा

अमरीका ने कहा है कि ताज़ा घटनाक्रम से पता चलता है कि इस पूरे इलाक़े के लिए आईएसआईएस एक ख़तरा है.

अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पॉस्की ने कहा कि मूसल की स्थिति बहुत अधिक गंभीर है. उन्होंने कहा कि इस आक्रमण का मुक़ाबला करने के लिए अमरीका एक मज़बूत और समन्वित प्रतिक्रिया का समर्थन करता है.

वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के एक प्रवक्ता ने कहा कि वो इस स्थिति से बहुत चिंतित हैं.

उन्होंने इलाक़े पर फिर नियंत्रण हासिल करने के लिए इराक़ी सरकार और कुर्दिश क्षेत्रीय सरकार के बीच सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि घरों के ऊपर जिहादी झंडे फहरा रहे हैं और चरमपंथी लाउडस्पीकर से घोषणा कर रहे हैं कि वो मूसल को आज़ाद कराने आए हैं.

एक सरकारी कर्मचारी उम कारम ने कहा, ‘शहर के अंदर की स्थित अराजक है और हमारी मदद करने वाला भी कोई नहीं है. हम डरे हुए हैं.’

थानों में लगाई आग

ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि शहर के कई थानों में आग लगा दी गई है और उनमें बंद क़ैदियों को मुक्त करा दिया गया है.

मूसल छोड़कर जा रहे महमूद नूरी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, ‘सैन्य बलों ने अपने हथियार फेंक दिए और अपने कपड़े बदल लिए और अपनी गाड़ियों को त्याग कर शहर को छोड़ दिया.’

इस बीच मूसल में स्थित तुर्की के वाणिज्य दूतावास ने इस बात की पुष्टि की है कि तुर्की के 28 ट्रक चालकों का निनवेह प्रांत में चरमपंथियों ने अग़वा कर लिया.

सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि दसियों हज़ार लोग पड़ोसी कुर्दीस्तान के तीन शहर की ओर जा रहे हैं, जहाँ अधिकारियों ने उनके लिए अस्थायी शिविरों का इंतज़ाम किया है.

कुर्दीस्तान के प्रधानमंत्री नचोरविन बारज़ानी ने एक बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था से सहयोग की अपील की है.

सुरक्षा बलों ने बीबीसी को बताया कि मूसल के दक्षिण-पूर्व में स्थित क़स्बे किरकुक में इराक़ी सुरक्षा बलों और आईएसआईएस के लड़ाकों के बीच भीषण लड़ाई चल रही है.

इस बात की भी ख़बरें हैं कि जिहादियों ने किरकुक के अन्य इलाक़ों और पड़ोसी राज्य सलाहेदीन प्रांत के दो क़स्बों पर क़ब्ज़ा कर लिया है.

प्रधानमंत्री की अपील

टीवी पर प्रसारित एक संदेश में प्रधानमंत्री मलिकी ने कहा कि सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्क कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद से आपातकाल लगाने की अपील की है, इससे गिरफ़्तार करने की शक्तियां व्यापक होंगी और कर्फ़्यू लगाने की इजाज़त होगी.

निनवेह प्रांत के कई इलाक़ों पर आईएसआईएस का पिछले कई महीनों से क़ब्ज़ा है. पिछले कुछ हफ़्तों में उसने देश के पश्चिमी और उत्तरी इलाक़ों के शहरों और क़स्बों पर हमले किए हैं. इसमें बहुत से लोग मारे गए हैं.

पांच दिन की लड़ाई के बाद उन्होंने क़रीब 18 लाख की आबादी वाले मूसल शहर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर क़ब्ज़ा कर लिया है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ मई में हुई सांप्रदायिक हिंसा में क़रीब आठ सौ लोगों की मौत हो गई इनमें 603 नागरिक शामिल हैं. पिछले साल इस तरह की हिंसा में 8860 लोगों की मौत हुई थी.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version