वाशिंगटन : ईरान के साथ अमेरिका अब नये सिरे से डील करना चाहता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार की देर रात अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका, ईरान के साथ नया बृहत समझौता करने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नया समझौता होने तक उसके खिलाफ लगाये गये अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे. ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध सोमवार (5 नवंबर, 2018) से प्रभावी हो जायेगा.
ट्रंप ने कहा, ‘हम नये सिरे से वार्ता के लिए तैयार हैं. एक बेहतर समझौते के लिए, जो ईरान के परमाणु हथियार बनाने के सारे रास्ते बंद कर देगा, उसकी तमाम गलत गतिविधियों पर रोक लगायेगा और जो ईरान की जनता के हित में होगा. तब तक हमारी ओर से लगाये गये ऐतिहासिक प्रतिबंध पूरी सख्ती से जारी रहेंगे.’
राष्ट्रपति ने ये बातें विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और वित्त मंत्री स्टीवन मंचिन की उस घोषणा के दो घंटे बाद कही, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका सोमवार से ईरान के खिलाफ एक के बाद एक कई कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहा है.
राष्ट्रपति ने अपने बयान में साफ कहा कि ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा छोड़ देनी चाहिए, उसे अपने विध्वंसक व्यवहार में परिवर्तन करना चाहिए, उसे लोगों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और एक बार फिर से अच्छी मंशा के साथ वार्ता के लिए तैयार हो जाना चाहिए.
इस बीच, ट्रंप ने शुक्रवार को ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ स्टाइल में एक ट्वीट किया. किसी फिल्म के पोस्टर जैसी तस्वीर पोस्ट की गयी, जिस पर लिखा है : ‘सैंक्शंस आर कमिंग’. इस पंक्ति के शब्द उसी शैली में लिखे गये हैं, जिस तरह ‘गेम ऑफ थ्रोंस’ का लोगो होता है.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 2, 2018
ज्ञात हो कि ट्रंप ने मई में ही ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग होने की घोषणा कर दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते को ‘भयंकर और एकतरफा’ करार दिया था.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि 5 नवंबर (सोमवार) को अमेरिका पूरी तरह से ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से बाहर हो जायेगा. इसके साथ ही ईरान के खिलाफ लगाये गये तमाम प्रतिबंध फिर से लागू हो जायेंगे, जिसे अमेरिका ने हटा लिया था. इसमें ईरान की ऊर्जा, शिपिंग और शिपबिल्डिंग सेक्टर में लगाये गये प्रतिबंध शामिल हैं. इतना ही नहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान और ईरान के अन्य बैंकों से लेन-देन पर रोक लगाने संबंधी प्रतिबंध भी लागू हो जायेंगे.
ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनका उद्देश्य ईरान को अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा त्यागने के लिए मजबूर कर देने की है. उन्होंने कहा कि ईरान के शासकों को तय करना होगा कि वे अपने विध्वंसक व्यवहार में परिवर्तन करेंगे या अपनी आर्थिक बर्बादी का रास्ता चुनेंगे.
राष्ट्रपति के इस बयान के बाद विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि ईरान के साथ बातचीत के लिए अमेरिका तैयार है.
क्या है वर्ष 2015 के समझौते में
वर्ष 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाये जाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमत हुआ था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि ये समझौता ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकेगा.
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन भी इस समझौते का हिस्सा थे. ये पांचों देश अब भी समझौते के साथ बने हुए हैं. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन ने कहा है कि वो अमेरिका के प्रतिबंधों से बचने के लिए ईरान के साथ लेन-देन की नयी व्यवस्था बनायेंगे.
ईरान के साथी देशों पर क्या होगा असर
अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत उन देशों केखिलाफ भी अमेरिका कठोर कदम उठा सकता है, जो ईरान के साथ कारोबार करेंगे. हालांकि, अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो ने बताया कि कुछ देश ईरान से होने वाले तेल के आयात को तुरंत नहीं रोक सकते और उन्हें इस शर्त पर रियायत दी गयी है कि वे पहले तो आयात घटायेंगे और फिर धीरे-धीरे इसे पूरी तरह बंद कर देंगे. अमेरिका ने भारत, इटली, जापान,तुर्की और दक्षिण कोरिया समेत आठ सहयोगी देशों को इस मामले में रियायत दी है.