#MeToo : एमजे अकबर के बयान को पल्लवी गोगोई ने किया खारिज, बोली-सहमति से नहीं बने थे रिश्ते
वाशिंगटन : एमजे अकबर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली अमेरिका स्थित पत्रकार पल्लवी गोगोई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के उन दावों को खारिज किया है कि यह ‘सहमति से बनाया गया संबंध’ था और कहा कि यह संबंध ‘जबर्दस्ती और शक्ति के दुरुपयोग’ पर आधारित था न कि सहमति से. गोगोई का आरोप था […]
वाशिंगटन : एमजे अकबर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली अमेरिका स्थित पत्रकार पल्लवी गोगोई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के उन दावों को खारिज किया है कि यह ‘सहमति से बनाया गया संबंध’ था और कहा कि यह संबंध ‘जबर्दस्ती और शक्ति के दुरुपयोग’ पर आधारित था न कि सहमति से. गोगोई का आरोप था कि भारत में ‘दिग्गज पत्रकार’ अकबर के मातहत काम करने के दौरान उन्होंने उनसे बलात्कार किया.
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वाशिंगटन स्थित अमेरिकी मीडिया संगठन नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) में मुख्य व्यापार संपादक गोगोई ने ट्विटर पर कहा कि वह वाशिंगटन पोस्ट अखबार में उनके हवाले से छापे गये एक-एक शब्द पर अडिग हैं. उन्होंने कहा कि वह अपना सच बोलना जारी रखेंगी, जिससे उसके द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हुई दूसरी महिलाएं ये समझ जायें कि उनके लिए सामने आकर अपना सच बयान करने में कोई बुरी बात नहीं है.
हाल ही में विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले 67 वर्षीय अकबर ने शुक्रवार को गोगोई द्वारा लगाये गये दुष्कर्म के आरोपों से इनकार किया था. गोगोई ने अपने लेख में अपनी ‘सबसे दर्दनाक यादें’ लिखते हुए कहा कि वह ‘भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक रूप से बिखर’ गयी थीं. एक बयान में अकबर ने कहा कि साल 1994 के आसपास पल्लवी गोगोई और मेरे बीच आपसी सहमति से संबंध बने, जो कई महीने तक रहे. अकबर ने कहा कि (गोगोई के साथ) इस रिश्ते को लेकर बातें होने लगीं और बाद में मेरे घर में भी इस पर कलह हुई. आपसी सहमति से बने इस रिश्ते का अंत हो गया, लेकिन अंत शायद अच्छा नहीं रहा.
एक अलग बयान में अकबर की पत्नी मल्लिका अकबर ने भी शुक्रवार को गोगोई के आरोप को ‘झूठ’ करार दिया था. मल्लिका ने कहा कि उन्हें अकबर और पल्लवी के बीच संबंधों की जानकारी थी, जिनकी वजह से वह नाखुश थीं और उनके परिवार में भी तनाव था. अकबर के दावों में गोगोई ने कहा कि वाशिंगटन पोस्ट में कल एमजे अकबर द्वारा शारीरिक, मौखिक और यौन हमले को लेकर जो लेख छापा, वह मेरी आपबीती है. मेरी उम्र 20 साल के आसपास थी. मैं पत्रकार बनना चाहती थी और उस अखबार की कर्मचारी थी, जिसका नेतृत्व वह कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सच को स्वीकार करने की बजाय अकबर ने जोर दिया कि महिलाओं के यौन दुर्व्यवहार से जुड़े दूसरे मामलों की तरह यह संबंध आपसी सहमति से था, ऐसा नहीं था. गोगोई ने एक बयान में कहा कि ऐसा रिश्ता जो जबरदस्ती और शक्ति के दुरुपयोग पर आधारित हो, आपसी सहमति का नहीं होता. मैं लेख में कहे गये हर शब्द पर अडिग हूं. मैं सच बोलना जारी रखूंगी, जिससे उसके द्वारा यौन दुर्व्यवहार का शिकार हुईं दूसरी महिलाओं को भी यह पता चले कि उनके लिए भी सामने आकर सच बोलने में कोई गलत बात नहीं.