हरारे : भारत और जिम्बाब्वे ने शनिवार को छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिसमें खनन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), वीजा छूट और परंपरागत चिकित्सा शामिल हैं. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमर्सन मनंगगवा और देश के उपराष्ट्रपति केंबो मोहादी से यहां मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
नायडू अफ्रीका की छह दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में शुक्रवार रात यहां पहुंचे थे. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य बोत्सवाना, जिम्बाब्वे और मलावी के साथ भारत का रणनीतिक सहयोग प्रगाढ़ करना है. उपराष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया कि नायडू और उनके जिम्बाब्वे समकक्ष के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की. इसमें रक्षा, प्रतिरक्षा, खनन, क्षमता निर्माण, स्वास्थ्य एवं कृषि शामिल हैं. कार्यालय ने ट्वीट में कहा है, खनन, वीजा छूट, प्रसारण एवं संस्कृति आदि क्षेत्रों में पांच सहमतिपत्रों और आईसीटी पर एक कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किये गये.
इससे पहले दिन में नायडू ने जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति मनंगगवा से मुलाकात की और उल्लेख किया कि भारत ने अफ्रीकी देश का तब भी समर्थन किया था जब उसे अलग थलग कर दिया गया था. दोनों नेताओं ने सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. मनंगगवा ने जिम्बाब्वे में आम चुनाव के तुरंत बाद नायडू की यात्रा पर प्रसन्नता जतायी. नायडू ने जिम्बाब्वे के कार्यवाहक विदेश मंत्री एसबी मोयो से भी मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, द्विपक्षीय बैठकों का एक व्यस्त दिन शुरू. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जिम्बाब्वे के कार्यवाहक विदेश मंत्री एसबी मोयो से मुलाकात की. दोनों ने मजबूत राजनीतिक सम्पर्क दोहराया और परस्पर लाभकारी संबंध को और मजबूत करने की इच्छा दोहरायी. नायडू 21 वर्षों में जिम्बाब्वे की यात्रा करनेवाले भारत सरकार के पहले उच्च स्तरीय प्राधिकारी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने 1996 में इस अफ्रीकी देश की यात्रा की थी.