लंदन : माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा को उनकी प्रेरक उपलब्धियों के लिए ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की है. दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा ने वर्ष 2013 में एवरेस्ट फतह किया था.
अरुणिमा (30) को यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लायड ने मंगलवार को ग्लासगो में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया. यह उपाधि उन्हें पर्वतारोहण में उनकी प्रेरक उपलब्धियों के लिए प्रदान की गयी.
सिन्हा ने इस अवसर पर कहा, ‘यह अवाॅर्ड भारत और दुनिया के युवाओं को यह संदेश देता है कि अगर आप अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो आपकी उपलब्धियों को सम्मान मिलेगा.’
भारत की राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वॉलीबाॅल खिलाड़ी अरुणिमा को लूटपाट का विरोध करने पर ट्रेन से धक्का दे दिया गया था, जिसके बाद उनका बायां पैर घुटने के नीचे से काटना पड़ा था.
ठीक होने के बाद अरुणिमा ने पर्वतारोहण की ठानी और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल से प्रशिक्षण लेकर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का संकल्प लिया. 21 मई 2013 को अरुणिमा 8848 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली दिव्यांग महिला बन गयीं.