इस्लामाबाद/लाहौर : पाकिस्तान ने ईशनिंदा के इल्जाम से बरी की गयी ईसाई महिला को नीदरलैंड भेजने की खबरों का गुरुवार को खंडन किया. पिछले हफ्ते पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ईशनिंदा के मामले में आसिया बीबी को मिली मौत की सजा को पलटते हुए उन्हें बरी कर दिया था. देशव्यापी क्रोध के बावजूद बीबी को बुधवार मध्यरात्रि मुल्तान जेल से रिहा कर दिया गया. स्थानीय मीडिया में यह खबर आई थी कि बीबी को रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस ले जाया गया है जहां से उन्हें नीदरलैंड भेज दिया जाएगा.
24 न्यूज ने गुरुवार को खबर दी, ‘‘ आसिया बीबी को बुधवार की मध्य रात्री मुल्तान (यहां से करीब 350 किलोमीटर दूर) के ‘न्यू जेल फॉर वुमन’ से रिहा कर दिया गया और नूर खान एयरबेस ले जाया गया, जहां से उन्हें एक चार्टर्ड विमान से नीदरलैंड ले जाया जाएगा.’ कुछ अन्य समाचार चैनलों ने भी बीबी को जेल से रिहा करने और उन्हें नीदरलैंड भेजने की खबरें चलाईं थीं. बहरहाल, विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पांच बच्चों की मां के देश छोड़ने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘ बीबी के मुल्क छोड़ने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. ये फर्जी खबर हैं.’ सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने भी उनके देश छोड़ने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ सुर्खियों के खातिर फेक न्यूज छापना एक मानदंड बन गया है. आसिया बीबी का मामला संवेदनशील मुद्दा है और बिना पुष्टि के उनके देश छोड़ने की खबर छापना निहायत गैरजिम्मेदाराना है. मैं मीडिया के एक तबके से जोर देकर गुजारिश करता हूं कि जिम्मेदारी से काम करें.’ खादिम हुसैन रिज़वी के तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रवक्ता हाफिज शाहबाज अटारी ने मीडिया को एक बयान जारी कर कहा था, ‘‘ इमरान खान की सरकार ने आसिया बीबी को रिहा कर दिया है क्योंकि उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद में नीदरलैंड के राजदूत सरकारी अधिकारियों के साथ मुल्तान पहुंच गए हैं.
उन्हें नीदरलैंड ले जाया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इकट्ठा हो रहे कार्यकर्ताओं से आह्वान किया गया है कि वे बीबी को देश छोड़ने की इजाजत देने से सरकार को रोकने के लिए एकत्र हों . बीबी पर शीर्ष अदालत के निर्णय का इस्लामी पार्टी ने कड़ा विरोध किया था और उनकी रिहाई के फैसले को नहीं बदले जाने पर सड़क पर प्रदर्शन कर देश भर में रोजमर्रा की जिंदगी को पंगु बनाने की धमकी दी थी. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ सरकार इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती है.’ इससे पहले, इटली ने कहा था कि वह बीबी के देश छोड़ने में मदद करेगा क्योंकि ईशंनिदा के आरोप के बाद उनकी जिदंगी को खतरा है. बीबी के पति आशिक मसीह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और ब्रिटेन एवं कनाडा के प्रधानमंत्रियों से भी अपनी पत्नी को पाकिस्तान से निकालने में मदद करने का आग्रह किया था.
मसीह ने कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान छोड़ने में मदद का आग्रह करता हूं. मैं ब्रिटेन और कनाडा के प्रधानमंत्रियों से भी गुजारिश करता हूं कि हमारी मदद करें. आजादी हासिल करने में मदद करें.’ पिछले हफ्ते एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश साबिक निसार की अगुवाई वाली पीठ ने ईंशनिंदा के मामले में बीबी को दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था. उन्हें इस मामले में मौत की सजा दी गई थी. उनको बरी किए जाने के बाद स्थानीय कट्टरपंथियों ने तीन दिन तक पाकिस्तान में जनजीवन को पंगु बना दिया था. उन्होंने सड़कों को अवरूद्ध कर दिया था, गाड़ियों में आग लगा दी थी, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था तथा पुलिस कर्मियों पर हमले किए थे.