वाशिंगटन : कुछ प्रमुख अमेरिकी शोध संस्थानों ने ईरान में रणनीतिक रूप से अहम चाबहार बंदरगाह के साथ अन्य परियोजनाओं के विकास के लिए भारत को प्रतिबंध से छूट के अमेरिका के निर्णय का स्वागत किया है. इन संस्थानों ने इसे ‘सही निर्णय’ करार दिया है. ट्रंप सरकार ने मंगलवार को इस बाबत फैसला किया.
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इससे एक दिन पहले अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लागू किये. अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों से छूट ओमान की खाड़ी में बंदरगाह के विकास में भारत की अहम भूमिका को मान्यता दिये जाने के संदर्भ में देखा जा रहा है. यह बंदरगाह युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के सिलसिले में रणनीतिक रूप से काफी अहम समझा जा रहा है.
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स में भारत, पाकिस्तान एवं दक्षिण एशिया के लिए सीनियर फैलो एलिसा एरिस ने कहा कि यह उचित निर्णय है. भारत-अफगानिस्तान के विकास में सहयोग में सक्षम है और चाबहार बंदरगाह के विकास से उसकी जिम्मेदारी और बढ़ जायेगी. एरिस ओबामा सरकार के दौरान विदेश मंत्रालय में कार्यरत थीं.
वहीं, ओबामा सरकार के दौरान ही व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्य रहे अनीश गोयल का मानना है कि चाबहार बंदरगाह के लिए छूट प्राथमिकताओं को दिखाता है. इसके अलावा, हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ एवं सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिक रोस्सो ने भी ट्रंप सरकार के फैसले को सही कदम बताया है.