भारतीय मूल के प्रो सुरेश वी गैरीमेला बन सकते हैं अमेरिका के साइंस बोर्ड के सदस्य
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी प्रोफेसर सुरेश वी गैरीमेला को देश के प्रतिष्ठित नेशनल साइंस बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त करने की मंशा व्यक्त की है. गैरीमेला इंडियाना में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आर यूजीन और सूसी गुडसन डिस्टिंग्यूश्ड प्रोफेसर हैं. वह नेशनल साइंस फाउंडेशन […]
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी प्रोफेसर सुरेश वी गैरीमेला को देश के प्रतिष्ठित नेशनल साइंस बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त करने की मंशा व्यक्त की है.
गैरीमेला इंडियाना में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आर यूजीन और सूसी गुडसन डिस्टिंग्यूश्ड प्रोफेसर हैं.
वह नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के एक उद्योग/विश्विद्यालय सहकारी अनुसंधान केंद्र ‘कूलिंग टेक्नोलॉजीज रिसर्च सेंटर’ के निदेशक भी हैं.
व्हाइट हाउस के मुताबिक, गैरीमेला को छह साल के लिए नेशनल साइंस बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया जा सकता है.
उनका संभावित कार्यकाल 10 मई, 2024 तक का होगा. वह ट्रंप द्वारा बोर्ड में नियुक्त किये सात सदस्यों में से एक हैं.
नेशनल साइंस बोर्ड का गठन वर्ष 1950 के नेशनल साइंस फाउंडेशन एक्ट के तहत किया गया था, जो एनएसएफ के कार्यक्रमों की निगरानी करता है और उसके लिए नीतियां तैयार करता है.
वर्ष 1985 में आईआईटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल करने वाले गैरीमाला ने कहा, ‘मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं.’