वाशिंगटन : अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने एक और विवादित कदम उठाते हुए मैक्सिको से लगी दक्षिणी सीमा को पार करके देश में शरण मांगने वाले अवैध प्रवासियों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है. इसका कई अधिकार संगठन विरोध कर रहे हैं. इसका उद्देश्य उन हजारों लोगों खासकर तीन लैटिन अमेरिकी देशों होंडुरस, ग्वाटेमाला और अल-सल्वाडोर के लोगों को देश में आने से और यहां के शरणार्थी कानून के अनुचित इस्तेमाल को रोकना है.
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न्याय विभाग और गृह विभाग ने संयुक्त रूप से गुरुवार को एक नियम प्रकाशित किया है, जो शरण पाने का दावा करने वाले कुछ लोगों के मैक्सिको से यहां प्रवेश करने पर रोक लगाता है. अधिकारियों ने बताया कि योजना के पूरी तरह अमल में आने पर अमेरिका में दक्षिणी सीमा से प्रवेश करने वाले प्रवासी तब ही शरण पाने के हकदार होंगे, अगर वे प्रवेश के लिए बने आधिकारिक बंदरगाहों जैसी जगहों से प्रवेश कर आश्रय पाने का दावा करते हैं.
ऐसा करके राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका में ऐसे बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं, अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करना राष्ट्रीय हित में है. ऐसी भी आशा की जा रही है कि राष्ट्रपति ऐसे निर्देशों पर दस्तखत कर सकते हैं, जिनमें प्रवासियों को नयी शरणार्थी सीमा का विषय माना जायेगा. अधिकारियों ने ये स्पष्ट नहीं किया कि ये प्रतिबंध किन पर लागू होगा.
गौरतलब है कि बीते पांच सालों में ऐसे लोगों की संख्या में दो हजार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो वहां शरण पाने का दावा करते हैं. साल 2008 में अमेरिका में प्रवेश पाने के इच्छुक लोगों की तादाद पांच हजार थी, जो 2018 में बढ़कर 97 हजार तक पहुंच गयी. फिलहाल, अमेरिकी शरणार्थी नियम ऐसे किसी व्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाते, जो वहां बिना अनुमति के आया है.