किंशासा : डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआर कांगो) के पूर्वी हिस्से में इबोला नाम के विषाणु की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या 200 से ज्यादा होगयी है. देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी.
मंत्रालय ने कहा कि उसने इबोला से हुई 201 मौतें दर्ज की हैं, जबकि अगस्त से लेकर अब तक 291 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से करीब आधे मामले उत्तर कीवू क्षेत्र के शहर बेनी में सामने आये हैं.
संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा विभाग ने शुक्रवार को क्षेत्र में सक्रिय सैन्य समूहों से अपील की थी कि वे इस बीमारी से लड़ने के प्रयासों में अवरोध पैदा न करें.
स्वास्थ्य मंत्री ओली इलुंगा ने शुक्रवार को कहा कि बीमारी से निबटने के प्रयासों में जुटी टीम को धमकियों, हमलों, अपहरण का सामना करना पड़ रहा है और उनके उपकरण भी तोड़ दिये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘त्वरित प्रतिक्रिया मेडिकल इकाई में हमारे दो सहकर्मियों को हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी.’
डीआर कांगो में वर्ष 1976 में इबोला की चपेट में आने का पहला मामला सामने आने के बाद इस देश में 10वीं बार इस विषाणु ने लोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है.
क्या है इबोला, कैसे फैलता है?
इबोला एक संक्रामक और घातक बीमारी है, जो विषाणु के जरिये फैलती है. तेज बुखार और गंभीर आंतरिक रक्तस्राव इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. यह इबोला से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, थूक, लार आदि से यह बीमारी तेजी से फैलती है.