बीजिंग : चीन के स्टेट काउंसिलर एवं रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने कहा है कि भारत तथा चीन को सैन्य आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए, आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए और किसी भी मतभेद को उचित ढंग से प्रबंधित एवं नियंत्रित करना चाहिए.
तेरह नवंबर को हुई नौवीं भारत-चीन वार्षिक रक्षा एवं सुरक्षा वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले रक्षा सचिव संजय मित्रा ने गुरुवार को वेई से मुलाकात की. सिक्किम सेक्टर में 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध के एक साल से अधिक समय बाद हुई वार्ता में भारत और चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अप्रैल में वुहान शिखर सम्मेलन में बनी सहमति को क्रियान्वित करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के महत्व पर सहमत हुए. सरकार संचालित शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने गुरुवार को खबर दी कि मित्रा से मुलाकात में वेई ने कहा कि एक-दूसरे के साथ मतभेदों की तुलना में चीन और भारत के बीच आपसी हित अधिक हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को सैन्य आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए, सुरक्षा क्षेत्र में आपसी भरोसे को उन्नत करना चाहिए तथा मतभेदों को उचित ढंग से प्रबंधित और नियंत्रित करना चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, मित्रा ने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध इसके सर्वाधिक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि वे दोनों देशों तथा दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को आगे और विकसित करेंगे. भारतीय दूतावास की ओर से बृहस्पतिवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वार्ता में दोनों पक्ष दोनों सेनाओं के बीच विभिन्न स्तरों पर रक्षा संबंध और संपर्क मजबूत करने पर सहमत हुए. वार्ता मित्रा और सेंट्रल मिलिटरी कमीशन के ज्वाइंट स्टाफ विभाग के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शाओ युआनमिंग के नेतृत्व वाले रक्षा प्रतिनिधिमंडलों के बीच हुई.
मित्रा के साथ रक्षा मंत्रालय, थलसेना, वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी थे. रक्षा वार्ता दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच चीन के तूच्यांगयान शहर में 23-24 नवंबर को होने वाली सीमा वार्ता के 21वें दौर के पहले हुई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलर एवं विदेश मंत्री वांग यी सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं.