राष्ट्रपति कोविंद ने ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान पीएम मॉरीसन से मुलाकात की, पांच समझौतों पर हस्ताक्षर
मेलबर्न : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन से सिडनी में मुलाकात की. ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं। दोनों देशों ने गुरुवार को कृषि शोध, शिक्षा और अशक्तता जैसे क्षेत्रों में सहयोग और निवेश बढ़ाने के लिए पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं. कोविंद […]
मेलबर्न : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन से सिडनी में मुलाकात की. ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं। दोनों देशों ने गुरुवार को कृषि शोध, शिक्षा और अशक्तता जैसे क्षेत्रों में सहयोग और निवेश बढ़ाने के लिए पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं. कोविंद बुधवार को सिडनी पहुंचे। अपनी दो देशों की यात्रा के दौरान वह पहले वियतनाम गए और वहां से ऑस्ट्रेलिया पहुंचे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कोविंद की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मराइज पेन और भारत के कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े मौजूद रहे. पहला समझौता अशक्तता क्षेत्र के लिए है. इसके तहत विशेष तौर पर सक्षम लोगों के लिए सेवाओं को बेहतर किया जाएगा. इसके अलावा दूसरा समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के लिए इंवेस्ट इंडिया और ऑस्ट्रेड के बीच किया गया है.
तीसरा समझौता केंद्रीय खनन योजना एवं डिजाइन संस्थान, रांची और कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड रिचर्स ऑर्गेनाइजेशन, कैनबरा के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है। चौथा समझौता आचार्य एन. जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय गुंटूर और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, पर्थ के बीच कृषि शोध में सहयोग बढ़ाने के लिए हुआ है. जबकि अंतिम समझौता इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगकी संस्थान दिल्ली और क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ब्रिसबेन के बीच संयुक्त पीएचडी के लिए हुआ है.
राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री मॉरीसन की मुलाकात के बाद जारी विज्ञप्ति में भारत की आर्थिक रणनीति पर ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया के बारे में बताया गया है। मॉरीसन ने कहा, ‘‘यह रणनीति भारत के साथ हमारे आर्थिक भविष्य का खाका पेश करती है.’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और अगले 20 सालों तक किसी अन्य एक बाजार के मुकाबले यहां ऑस्ट्रेलिया के लिए ढेरों अवसर मौजूद हैं. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा कि वह इस रपट की 20 प्रमुख अनुशंसाओं का सैद्धांतिक समर्थन करती है और वह इस पर आगे बढ़ेगी.
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री सिमॉन बर्मिंघम ने कहा, ‘‘ हम व्यापक आर्थिक सहयोग पर काम करेंगे. हम 10 राज्य और 10 क्षेत्रों पर अपना विशेष ध्यान देंगे. हम भारत में अपने व्यापार को विस्तार करने में मदद करेंगे. ऑस्ट्रेलिया ने अगले एक साल में किए जाने वाले प्रमुख कामों का भी उल्लेख किया. ऑस्ट्रेड और इंवेस्ट इंडिया के समझौते के तहत दोनों देश खाद्य साझेदारी करेंगे जिससे कृषि-प्रौद्योगिकी और सेवा के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे.
वहीं ऑस्ट्रेलिया-भारत रणनीतिक अनुसंधान कोष 5,00,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का अनुदान देगा. यह कोष समुद्र विज्ञान, ऊर्जा भंडारण और पौध विज्ञान से जुड़े शोध के लिए मदद उपलब्ध कराएगा. पेन ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही क्षेत्रीय संस्थानों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजारों का खुलापन बना रहे और व्यापार, पूंजी और विचारों का मुक्त प्रवाह चलता रहे. मॉरीसन, अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति कोविंद के साथ भारतीय उद्योग परिसंघ-भारतीय व्यापार मंच के ऑस्ट्रेलियाई चैप्टर को शुरू करेंगे. यह मंच ऑस्ट्रेलिया में भारतीय व्यापारियों को नीतिगत सलाह और नेटवर्क सुविधा प्रदान करेगा.
सिडनी में गवर्नर जनरल पीटर कोसग्रोव ने कोविंद को सलामी गारद दिया। कोविंद शुक्रवार को मेलबर्न में विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करेंगे.