#26/11Attack मुंबई हमले के षड्यंत्रकारियों का सुराग देने वालों को अमेरिका देगा 50 लाख डॉलर का ईनाम

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मुंबई आतंकवादी हमले को क्रूरता बताते हुए पाकिस्तान तथा अन्य देशों से इस हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा तथा उससे जुड़े संगठन और आतंकवादियों पर प्रतिबंध लागू करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपने दायित्वों को निभाने की अपील की है. मुंबई हमले के 10 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2018 9:44 AM

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मुंबई आतंकवादी हमले को क्रूरता बताते हुए पाकिस्तान तथा अन्य देशों से इस हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा तथा उससे जुड़े संगठन और आतंकवादियों पर प्रतिबंध लागू करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपने दायित्वों को निभाने की अपील की है.

मुंबई हमले के 10 वर्ष पूरे होने के मौके पर विदेश मंत्रालय के रिवार्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम (आरएफजे) के तहत ऐसे लोगों को 50 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की गयी है, जो 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले की साजिश रचने अथवा उसमें सहयोग देने वाले किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई सुराग देंगे.

पोम्पिओ ने मुंबई हमले के 10 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक बयान में कहा, ‘ यह पीड़ित परिवारों के लिए अपमान जैसा है कि घटना के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी मुंबई हमले की योजना बनाने वालों को उनकी संलिप्तता के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘हम सभी देशों खासतौर पर पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वे हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा तथा उससे जुड़े संगठन और इसके लिए जिम्मेदार आतंकवादियों पर प्रतिबंध लागू करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपने दायित्व को निभायें.’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार और अमेरिका की जनता की ओर से मैं मुंबई आतंकी हमले के 10 वर्ष पूरा होने के मौके पर भारत की जनता तथा मुंबई के प्रति एकजुटता व्यक्त करता हूं.’

यह घोषणा मुंबई हमले में शामिल लोगों के बारे में सूचना मांगने के लिए इस तरह का तीसरा इनाम है. अप्रैल, 2012 में विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और लश्कर के एक अन्य वरिष्ठ नेता हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को न्याय के दायरे में लाने के लिए सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा की थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिसंबर, 2001 में विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था. यह घोषणा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन में कमी लाने और समूहों पर आतंकवाद के कारोबार से अलग होने के लिए दबाव डालने का कारगर साधन है.

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