भारत के गरीब व वंचित तबके के छात्र नहीं उठा पाते अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का लाभ
लंदन : वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत के वंचित तबके के बच्चों को पढ़ाते समय अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करना, खासकर जिनके घरों में कोई दूसरी भाषा बोली जाती है, उन्हें बुनियादी स्कूली कौशल सिखाने में लाभकारी नहीं हो सकता है. शोधकर्ता इस चीज को जानने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि क्यों […]
लंदन : वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत के वंचित तबके के बच्चों को पढ़ाते समय अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करना, खासकर जिनके घरों में कोई दूसरी भाषा बोली जाती है, उन्हें बुनियादी स्कूली कौशल सिखाने में लाभकारी नहीं हो सकता है.
शोधकर्ता इस चीज को जानने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि क्यों सामान्य तौर पर एक से ज्यादा भाषा जानने वाले भारतीय बच्चे पश्चिमी देशों में कई भाषाओं को जानने वाले बच्चों की तरह ही सीखने में इस बात का फायदा नहीं उठा पाते हैं.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ता कर्नाटक, हैदराबाद तथा नयी दिल्ली में परियोजना सहयोगियों के साथ मिलकर चार साल के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
इसका उद्देश्य यह जानना है कि एक ऐसे देश में जहां कई भाषाएं जानना बेहद सामान्य-सी बात है, वहां इसका लाभ उस तरह नहीं दिखता है, जैसा यूरोप में दिखता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि भारतीय बच्चे इस तरह बहुत ही धीमी गति से स्कूल में सिखायी जाने वाली बुनियादी चीजें सीखते हैं.