अंतरिक्ष की गहराई और छोटे ग्रहों तक उतरने का रास्ता साफ

वाशिंगटन : नासा के अपनी तरह के पहले, ब्रीफकेस के आकार के अंतरिक्षयान मारको क्यूबसैट ने गहरे अंतरिक्ष का सफर तय कर मंगल पर नवीनतम रोबोटिक लैंडर- द इनसाइट के जरिये सफलतापूर्वक सूचनाओं को भेजना शुरू कर दिया है. इससे भविष्य में अंतरिक्ष की गहराई में और उतरने का रास्ता बन गया है. दोहरे संचार-संप्रेषण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 4:22 PM

वाशिंगटन : नासा के अपनी तरह के पहले, ब्रीफकेस के आकार के अंतरिक्षयान मारको क्यूबसैट ने गहरे अंतरिक्ष का सफर तय कर मंगल पर नवीनतम रोबोटिक लैंडर- द इनसाइट के जरिये सफलतापूर्वक सूचनाओं को भेजना शुरू कर दिया है. इससे भविष्य में अंतरिक्ष की गहराई में और उतरने का रास्ता बन गया है.

दोहरे संचार-संप्रेषण क्यूबसैट कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) द्वारा बनाए गए हैं और इसे पांच मई को इनसाइट लैंडर के साथ प्रक्षेपित किया गया था. यह सोमवार को सफलतापूर्वक मंगल पर उतरा. क्यूबसैट अंतरिक्षयानों का एक वर्ग है जो मानकीकृत छोटे आकार और ऑफ-द-शेल्फ तकनीक के मॉड्यूलर इस्तेमाल पर आधारित है.
इनमें से कई का निर्माण विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा किया गया है और बड़े अंतरिक्ष यानों के प्रक्षेपण के दौरान इन्हें भी पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित किया गया है. नासा ने एक बयान में कहा कि दो छोटे मार्स क्यूब वन (मारको) के मिशन लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है. मारको ने मंगल के पास से गुजरने के दौरान जानकारी संप्रेषित की थी.
जेपीएल में मारको परियोजना प्रबंधक जोएल क्राजेवस्की ने कहा, ‘‘यह हमारे ब्रीफकेस के आकार के साहसी रोबोटिक अन्वेषण के क्षेत्र में बड़ा कदम है.” प्रायोगिक मार्स क्यूब वन (मारको) क्यूबसैट में से एक मारको-बी ने 26 नवंबर को लाल ग्रह के पास से गुजरने के दौरान करीब 6000 किलोमीटर दूर से मंगल की एक तस्वीर भेजी थी.

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