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पाकिस्‍तान से सिद्धू ने मोदी पर किया हमला, कहा, बाजवा से ”झप्‍पी” ”राफेल डील” नहीं

लाहौर : पंजाब के मंत्री और पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर पाकिस्‍तान में हैं. इस बार वो करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं. करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सिद्धू अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्‍ते मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे. शिलान्‍यास कार्यक्रम 28 नवंबर को […]

लाहौर : पंजाब के मंत्री और पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर पाकिस्‍तान में हैं. इस बार वो करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं. करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सिद्धू अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्‍ते मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे. शिलान्‍यास कार्यक्रम 28 नवंबर को होने जा रहा है. कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सिद्धू को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्योता दिया था.

लाहौर पहुंचने के साथ ही सिद्धू ने वहां से प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया. उन्‍होंने कहा, बुधवार को पाक के वजीर-ए-आजम जो बुनियाद रखेंगे वह आपसी भाईचारे की बुनियाद होगी.उन्‍होंने कहा, मैं यहां अमन और भाईचारे का संदेश लेकर आया हूं. करतारपुर कॉरिडोर शांति और खुशहाली का कॉरिडोर साबित होगा. सिद्धू बोले, मुझे लगता है कि यह कॉरिडोर एक पुल का काम करेगा और दुश्मनी मिटा देगा. यह लोगों को लोगों से जोड़ने और शांति लाने में वृद्धि करेगा. यह मेरा विश्वास है कि इसमें संभावनाएं हैं.

सिद्धू ने कहा, हर मुश्किल का हल होता है, आज नहीं तो कल होता है. कोई भी मसला जंग से कम बातचीत से ज्यादा आसानी से सुलझाया जा सकता है. उन्‍होंने अपने पाकिस्‍तान दौरे पर मचे हंगामे को नजरअंदाज करते हुए कहा, जिस पेड़ पर फल लगते हैं, पत्थर भी उसी पर मारे जाते हैं. सिद्धू का यह इस साल दूसरा पाकिस्‍तान दौरा है.

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने पर भाजपा के हमले पर भी उन्‍होंने जवाब दिया. उन्‍होंने कहा, पाकिस्तानी आर्मी चीफ से एक सेकंड के लिए में गले लगा था, यह एक राफेल डील नहीं थी. जब दो पंजाबी मिलते हैं तो एक-दूसरे को गले लगाते हैं, यह पंजाब में काफी आम बात है.

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर को अनंत संभावनाओं वाला गलियारा बताते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसी पहल से शांति को बढ़ावा मिलेगा और भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता मिटेगी.

सिद्धू भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ यहां आये हैं ताकि वह लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर नारोवाल में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में शामिल हो सकें. वाघा सीमा पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.

चार किलोमीटर लंबा यह गलियारा भारत के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में नारोवाल में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से जोड़ेगा. यह गलियारा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक वीजा मुक्त पहुंच मुहैया कराएगा.

प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को गलियारे की आधारशिला रखेंगे. सिद्धू ने इस गलियारे को संभव बनाने के लिए खान को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, इससे दोनों देशों के बीच शत्रुता मिटेगी.

उन्होंने मीडिया से कहा, इमरान खान ने तीन महीने पहले जो बीज बोये थे वह अब एक पेड़ बन गया है. सिख समुदाय के लिए यह खुशी का पल है कि बाबा गुरु नानक का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बिना किसी परेशानी के करतारपुर पहुंचने के लिए एक गलियारा मिल जाएगा.

उन्होंने कहा कि गलियारा खुलने से 73 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया है. सिद्धू ने कहा, करतारपुर गलियारा शांति का पथ साबित होगा. उन्होंने इसे अनंत संभावनाओं वाला गलियारा करार दिया और कहा कि ऐसी पहलों से (दोनों देशों के बीच) शांति को बढ़ावा मिलेगा.

दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध बहाली के बारे में पूछे जाने पर सिद्धू ने कहा, दोनों देशों में ऐसे कई कलाकार और क्रिकेटर हैं जिन्हें सभी प्यार करते हैं और भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होने चाहिए. उन्होंने कहा, इमरान खान, वसीम अकरम और जावेद मियांदाद के भारत में कई प्रशंसक हैं, इसी तरह से पाकिस्तान में शाहरुख और सलमान खान के काफी प्रशंसक हैं.

उन्होंने कहा, धर्म को राजनीति की आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए. पाकिस्तान यात्रा करने के उनके निर्णय की आलोचना संबंधी सवाल पर सिद्धू ने कहा, जो मेरी आलोचना करते हैं मैं उन लोगों को माफ करता हूं.

उन्होंने कहा, मैं बचपन से ही इमरान खान का प्रशंसक रहा हूं. करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित नारोवाल जिले के शकरगढ़ में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने वहां अपने जीवन के 18 वर्ष से अधिक समय बिताया था.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी के किनारे स्थित है. सोमवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और भारत के पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरदासपुर में गलियारे की आधारशिला रखी थी.

गौरतलब है कि अगस्त में खान के शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू के जाने और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने की विपक्षी पार्टियों ने कड़ी निंदा की थी. सिद्धू ने दावा किया था कि जनरल बाजवा ने उनसे कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के प्रयास किये जा रहे है.

* पंजाब के मुख्‍यमंत्री ने सिद्धू की पाक यात्रा पर पल्‍ला झाड़ा

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू के करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह में हिस्‍सा लेने पर पल्‍ल झाड़ लिया है और उसे निजी सोच करार दिया.

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा (पाकिस्तान) भारतीय सैनिकों और नागरिकों को मारा जा रहा है तो ऐसे में वह ऐसा करने के बारे नहीं सोच सकते है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा (पाकिस्तान) भारतीय सैनिकों और नागरिकों को मारा जा रहा है तो ऐसे में वह ऐसा करने के बारे नहीं सोच सकते है.

सिंह ने कहा कि वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष भारतीयों की हत्या को सहन नहीं कर सकते है और इसलिए वह पड़ोसी देश की यात्रा नहीं कर सकते है. गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह के बाद सिंह ने समारोह के लिए पाकिस्तान जाने संबंधी सिद्धू के निर्णय पर पत्रकारों से कहा कि यह उनकी सोच है.

सिंह ने कहा, केन्द्र पाकिस्तान की नीति और आतंकवादी समूहों के समर्थन के कारण भारत में जो कुछ घटित हो रहा है, उस पर अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है.

उन्होंने पठानकोट (2016), मुम्बई (2008), गुरदासपुर (2015) और जम्मू कश्मीर में हिंसा के उदाहरण दिये. सिंह ने कहा कि वह उस समय तक पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेंगे जब तक वह (पाकिस्तान) भारत में हिंसा करना बंद नहीं कर देता.

उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) इमरान खान इसे रोक सकते हैं, ऐसा नहीं होगा. पाकिस्तान में सरकारें सेना के तहत काम करती है. पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा को यह समझने की जरूरत है कि इस तरह की चीजें (फिर से) घटित नहीं हों. सेनाएं निर्दोष महिलाओं और बच्चों से नहीं लड़ती है, सेनाएं धार्मिक समागम पर ग्रेनेड नहीं फेंकती है, देश की रक्षा करने के लिए सेनाएं है.

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