हांगकांग : वैज्ञानिकों के एक समूह ने घोषणा की है कि डीएनए में स्थायी बदलाव की कोशिश करना अभी जल्दबाजी होगा. जीन में बदलाव कर जुड़वां बच्चियों को जन्म देने के दुनिया के पहले मामले का चीनी वैज्ञानिकों द्वारा दावा करने के विवाद के बाद वैज्ञानिकों का यह बयान आया है.
इस सप्ताह की शुरुआत में हांगकांग में ‘जीन में बदलाव’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिक जमा हुए थे. जीन में बदलाव करना वह क्षमता है, जिससे जन्म से पहले ही बीमारियों और अन्य चीजों को ठीक किया जा सकेगा.
गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया कि विज्ञान अपने उस वादे पर अब भी खड़ा है, जिसमें जन्म के बाद इस माध्यम से लोगों की मदद की जाती है, लेकिन यह कोशिश अंडाणु, शुक्राणु या भ्रूण पर करना गैरजिम्मेदारी वाला होगा, क्योंकि इसके खतरों और सुरक्षा के बारे में अब भी जानकारी नहीं है.
जीन में बदलाव कर बच्चियों को जन्म देने के दुनिया के पहले मामले का दावा करने वाले चीनी वैज्ञानिक हे जियानकुई की स्वतंत्र जांच करने की मांग भी इस सम्मेलन में उठी. जियानकुई के दावे की आलोचना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन एकेडमी ऑफ साइंस, हांगकांग ने कराया था.