पेरिस : फ्रांस में जनता के हिंसक विरोध के चलते प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने मंगलवार को पेट्रोलियम ईंधन पर करों में प्रस्तावित वृद्धि के फैसले को फिलहाल स्थगति कर दिया है. कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के वृहद उद्देश्य से करों में यह वृद्धि एक जनवरी से लागू होनी थी.
फ्रांसीसी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि ईंधन पर कर बढ़ाने की घोषणा के बाद पेरिस में पिछले सप्ताहांत हिंसक प्रदर्शनों का जो सिलसिला शुरू हुआ उसकी वजह से सरकार को सरकार ने इस मामले में ‘फैसला पलटना’ पड़ा है. ‘ले मॉन्ड’ समाचार पत्र और फ्रांस इंफो रेडियो दोनों की ओर से कहा गया है कि प्रस्तावित वृद्धि को कई महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. प्रधानमंत्री फिलिप तनाव कम करने के लिए कुछ और उपायों की भी घोषणा कर सकते हैं. हालांकि, तीन सप्ताह पहले उन्होंने कहा था कि सरकार अपने रुख में बदलाव नहीं करेगी और हम उपभोक्ताओं को प्रदूषण फैलानेवाले ईंधन से राहत दिलाने को प्रतिबद्ध हैं. मंगलवार को बाद में इस बारे में आधिकारिक घोषणा किये जाने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि ईंधन कर वृद्धि के खिलाफ फ्रांस के लोग पीला कुर्ता (येलो वेस्ट) पहनकर आंदोलन कर रहे हैं और उनका आंदोलन हिंसक हो चुका है. सूत्रों ने कहा कि ईंधन कर वृद्धि को वापस लेने की घोषणा के साथ कुछ और उपाय भी किये जायेंगे जिससे राष्ट्रव्यापी स्तर पर चल रहे प्रदर्शनों के सिलसिले को रोका जा सके. फ्रांस में शुरू हुआ प्रदर्शनों का सिलसिला सड़कों पर संघर्ष में बदल गया. सप्ताहांत प्रदर्शन के दौरान पेरिस में जमकर तोड़फोड़ हुई. हालांकि, यह मामला ईंधन कीमतों में वृद्धि से शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही यह राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रां के खिलाफ एक बड़े विरोध में बदल गया. राष्ट्रपति पर ऐसी नीतियां लागू करने का आरोप है जिनकी वजह से निचली आय वर्गवाले परिवार प्रभावित हो रहे हैं.