ब्रिटेन में भी शिक्षकों के साथ होता है भेदभाव, श्वेत सहकर्मियों से कम कमाते हैं जातीय अल्पसंख्यक शिक्षक
लंदन : ब्रिटेन में भी शिक्षकों के साथ भेदभाव होता है. यहां श्वेत सहकर्मियों से जातीय अल्पसंख्यक शिक्षकों को कम वेतन मिलता है. बीबीसी के एक नये शोध में यह खुलासा हुआ है. शोध में कहा गया है कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में किसी जातीय अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के शिक्षकों की आय उनके श्वेत सहकर्मियों की […]
लंदन : ब्रिटेन में भी शिक्षकों के साथ भेदभाव होता है. यहां श्वेत सहकर्मियों से जातीय अल्पसंख्यक शिक्षकों को कम वेतन मिलता है. बीबीसी के एक नये शोध में यह खुलासा हुआ है. शोध में कहा गया है कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में किसी जातीय अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के शिक्षकों की आय उनके श्वेत सहकर्मियों की तुलना में कम होती है.
शोध के नतीजे शुक्रवार को जारी किये गये. इसमें पता चला कि ब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों में अश्वेत और जातीय अल्पसंख्यक तथा अरब के शिक्षक अपने श्वेत सहकर्मियों की तुलना में औसतन 26 प्रतिशत कम कमाते हैं.
लीड्स यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की शिक्षण शोधार्थी मीनाक्षी सरकार ने बीबीसी से कहा, ‘मुझे लगता है कि सभी 100 मीटर की दौड़ लगा रहे हैं और मैं उनके साथ बाधा दौड़ लगा रही हूं.’
उन्होंने भारत में सफल कारोबारी कैरियर छोड़कर नौकरी हासिल की, लेकिन विश्वविद्यालय ने उन्हें सबसे कम वेतनमान में रखा, जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ रहा है. लीड्स विश्वविद्यालय ने कहा कि उसने मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है.
एक प्रवक्ता ने कहा, ‘इसलिए हम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सभी स्तर पर अश्चेत और जातीय अल्पसंख्यक कर्मचारियों को नियुक्त किया जाये और विभिन्न ग्रेडों में हमारे मौजूदा प्रतिनिधित्व में अंतराल को कम किया जाये.’