अधिक उम्र में गर्भपात का खतरा अधिक

गर्भपात के बाद महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं. उन्हें अपने हर काम और आदत पर भी गुस्सा आने लगता है. अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि गर्भपात महिलाओं की मृत्यु का भी एक बड़ा कारण है. ऐसे हालात में किसी भी महिला को मेंटल सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है. गर्भपात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2014 12:51 PM

गर्भपात के बाद महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं. उन्हें अपने हर काम और आदत पर भी गुस्सा आने लगता है. अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि गर्भपात महिलाओं की मृत्यु का भी एक बड़ा कारण है. ऐसे हालात में किसी भी महिला को मेंटल सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है.

गर्भपात के बाद की समस्याएं
ज्यादातर गर्भपात 12 सप्ताह के अंदर होते हैं. गर्भपात होने के बाद कुछ समस्याएं सामान्य हैं, जैसे -उल्टी होना, बुखार, ब्लीडिंग, पेट दर्द आदि. अगर गर्भपात में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई है, तो थोड़ी-सी ब्लीडिंग के बाद महिला का शरीर सामान्य हो जाता है. लेकिन कई बार गर्भपात के बाद समस्याएं बढ़ती जाती हैं और अगली बार गर्भधारण करने में भी परेशानी होती है. अगर गर्भपात होने के बाद विशेष लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं, जैसे-योनि से बदबूदार चिपचिपा पदार्थ निकलना, तेज बुखार होना, पेट में दर्द, ज्यादा और लगातार ब्लीडिंग होना, तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

कब करें दोबारा गर्भधारण
ऐसा माना जाता है कि जिस महिला का गर्भपात हुआ हो, उसे 6 महीने तक दोबारा गर्भधारण करने से बचना चाहिए. हालांकि यह कोई आवश्यक नहीं है कि इस बीच में गर्भधारण नहीं हो सकता है. शोध से पता चला है कि जो महिलाएं गर्भपात के बाद अगले छह महीने से एक साल के बीच दोबारा गर्भधारण करती हैं, उनके बच्चों का वजन बिल्कुल ठीक रहता है.

यानी गर्भपात से छह महीने के बाद गर्भधारण करना स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक है. वहीं अधिक उम्र की जो महिलाएं गर्भपात होने के तुरंत बाद गर्भवती होना चाहती हैं, तो उन्हें हतोत्साहित नहीं करना चाहिए, क्योंकि उन्हें गर्भपात होने का खतरा भी ज्यादा होता है. ऐसे में अगर उनसे गर्भधारण के लिए इंतजार कराया जाये, तो गर्भावस्था सफल होने की उम्मीदें कम हो जाती हैं. इस बारे में अपने डॉक्टर से मिल कर सलाह लेनी चाहिए.

बातचीत : विनीता झा, दिल्ली

खास बातें :

अगर गर्भपात ठीक से नहीं हुआ है, तो बच्चेदानी में कुछ टिश्यू रह जाते हैं. ऐसे में डी एंड सी आवश्यक होता है अन्यथा अगली बार फिर से गर्भपात होने का खतरा रहता है. बच्चेदानी में इन्फेक्शन होने का खतरा भी रहता है

पौष्टिक आहार का सेवन करें

सही खयाल न रखा जाये, तो लगातार दो-तीन बार गर्भपात हो सकता है. इससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है

गर्भपात के बाद योनि और बच्चेदानी में संक्रमण बहुत जल्दी फैल जाता है. संक्रमण होने पर कतई लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डॉ पूनम खेड़ा

सीनियर कंसल्टेंट ओबेसिटी एंड गाइनेकोलॉजी, बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नयी दिल्ली

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