Sri Lanka Crisis : बोले सिरिसेना, देशी और विदेशी विचारों के बीच संघर्ष से उत्पन्न हुई समस्या

कोलंबो : श्रीलंका संकट पर राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पहली बार स्पष्ट रूप से कुछ कहा है. उन्होंने देश में जारी राजनीतिक संकट को विदेशी और स्थानीय विचारों के बीच संघर्ष करार दिया. सिरिसेना ने पोलोननरुवा में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह विदेशी विचारों का मानने वालों और स्थानीय मूल्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2018 9:52 AM

कोलंबो : श्रीलंका संकट पर राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पहली बार स्पष्ट रूप से कुछ कहा है. उन्होंने देश में जारी राजनीतिक संकट को विदेशी और स्थानीय विचारों के बीच संघर्ष करार दिया.

सिरिसेना ने पोलोननरुवा में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह विदेशी विचारों का मानने वालों और स्थानीय मूल्यों का आदर करने वालों के बीच का मुद्दा है.’

इसे ‘यूनाइटेड नेशनल पार्टी’ (यूएनपी) पर अप्रत्यक्ष रूप से की गयी टिप्पणी के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके साथ मिलकर वर्ष 2015 से सिरिसेना गठबंधन सरकार चला रहे थे.

यह साझेदारी प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (यूएनपी के नेता) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद 26 अक्टूबर को खत्म हो गयी थी.

इसके बाद से ही देश में राजनीतिक संकट शुरू हो गया था. हालांकि, विक्रमसिंघे अपने निलंबन को असंवैधानिक बताते हुए अब भी आधिकारिक आवास पर बने हुए हैं.

वहीं, विक्रमसिंघे की जगह प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये महिंद्रा राजपक्षे संसद में बहुमत साबित करने में नाकामयाब रहे और अब यह मामला अदालत में है. सिरिसेना ने कहा कि वह अदालत के आदेश के बाद ही अपना अगला कदम तय करेंगे.

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