Loading election data...

पाकिस्तान की आसमा जहांगीर को संयुक्त राष्ट्र का शीर्ष पुरस्कार

संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान की प्रख्यात कार्यकर्ता आसमा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिष्ठित मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया है. जहांगीर पाकिस्तान की सेना की खुलकर आलोचना करती थीं. वह धार्मिक कट्टरपंथ और पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती थीं. उनका निधन इस साल फरवरी में 66 साल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2018 1:34 PM

संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान की प्रख्यात कार्यकर्ता आसमा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिष्ठित मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया है. जहांगीर पाकिस्तान की सेना की खुलकर आलोचना करती थीं. वह धार्मिक कट्टरपंथ और पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती थीं. उनका निधन इस साल फरवरी में 66 साल की उम्र में दिल का दौड़ा पड़ने से हो गया था. उन्हें मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

यह पुरस्कार 1968 से हर पांच साल में दिया जाता है. जहांगीर की बेटी मुनीजा जहांगीर ने मंगलवार को एक विशेष समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोजा से यह पुरस्कार ग्रहण किया. आसमा जहांगीर के अलावा इस पुरस्कार को पाने वालों में लड़कियों के शिक्षा अधिकारों के लिए काम करने वाली तंजानिया की रेबेका ग्यूमी और ब्राजील के आदिवासी समूह से ताल्लुक रखने वाली पहली महिला वकील जोनिया बाटिस्टा डे कार्वाल्हो शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि पुरस्कार से नवाजे गये लोगों के कार्य और दुनिया में मानवाधिकार की रक्षा के लिए कार्यरत अन्य लोगों के कार्य शांति के लिए बेहद जरूरी हैं. मानवाधिकार रक्षा के लिए बेहतरीन कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर पांच साल में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

Next Article

Exit mobile version