राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा – प्रगाढ़ हो रहे हैं भारत और चीन के रिश्ते

बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को कहा कि चीन और भारत के बीच परस्पर विश्वास तथा सहयोग गहरा रहा है और दोनों देश के रिश्ते सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं. शी ने यह बात नयी दिल्ली में दोनों देशों के बीच नव स्थापित फ्रेमवर्क के तहत विदेश मंत्री स्तर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2018 10:19 PM

बीजिंग : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को कहा कि चीन और भारत के बीच परस्पर विश्वास तथा सहयोग गहरा रहा है और दोनों देश के रिश्ते सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं. शी ने यह बात नयी दिल्ली में दोनों देशों के बीच नव स्थापित फ्रेमवर्क के तहत विदेश मंत्री स्तर की व्यापक वार्ता के क्रम में कही.

चीनी राष्ट्रपति ने नयी दिल्ली में हो रही सांस्कृतिक एवं जनता से जनता के बीच आदान-प्रदान पर उच्च स्तरीय तंत्र की पहली बैठक के लिए अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और उन्हें अपने लंबे इतिहास एवं शानदार संस्कृति पर नाज है. शी ने कहा कि दोनों सभ्यताओं के बीच प्राचीन काल से ही निकट आदान-प्रदान और परस्पर सीखने का सिलसिला चलता आया है और दोनों देशों ने मानव विकास एवं प्रगति में उल्लेखनीय योगदान किया है. सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने शी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा, परस्पर राजनीतिक विश्वास गहराने और व्यवहारिक सहयोग तेज होने, दोनों देशों के बीच लोगों के आवागमन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के फलने-फूलने और अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों में द्विपक्षीय समन्वय से आज चीन-भारत रिश्ते सक्रियतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं.

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि व्यवहार से यह साबित हो चुका है कि अच्छे द्विपक्षीय रिश्तों से न सिर्फ दोनों देशों, बल्कि पूरी दुनिया को भी फायदा होता है. शी ने कहा कि पूर्व की दो सभ्यताओं से चीन और भारत को दोनों देशों के अवाम के बीच संवाद को बढ़ावा देना चाहिए और विकास के क्षेत्र में निकटतर साझेदारी कायम करनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि नयी दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने शुक्रवार को व्यापक वार्ता की और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं अवामी आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए सहयोग के दस स्तंभों पर सहमति जतायी. ये स्तंभ हैं सांस्कृतिक आदान-प्रदान, फिल्म एवं टेलीविजन में सहयोग, अजायबघर प्रशासन में सहयोग, खेल में सहयोग, युवाओं के आवागमन, पर्यटन में सहयोग, राज्यों और शहरों के बीच आदान-प्रदान, पारंपरिक दवाओं में सहयोग, योगा में सहयोग और शिक्षा में सहयोग.

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