अमेरिका में आज ठप हो जायेंगे कामकाज! कांग्रेस और ट्रंप के बीच नहीं हुआ समझौता
वाशिंगटन : संघीय खर्च बिल पारित किये बगैर और मैक्सिको सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए धन मुहैया कराने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग का समाधान किये बिना अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही शुक्रवार को स्थगित हो गयी. फलस्वरूप अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होना तय हो गया है. स्थानीय समयानुसार शनिवार को सुबह […]
वाशिंगटन : संघीय खर्च बिल पारित किये बगैर और मैक्सिको सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए धन मुहैया कराने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग का समाधान किये बिना अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही शुक्रवार को स्थगित हो गयी. फलस्वरूप अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होना तय हो गया है.
स्थानीय समयानुसार शनिवार को सुबह 12:01 बजे से कई महत्वपूर्ण एजेंसियों का कामकाज बंद हो जायेगा. इससे पहले कैपिटल हिल में व्हाइट हाउस के अधिकारियों और अमेरिकी कांग्रेस के दोनों दलों के नेताओं के बीच अंतिम क्षण तक चली बातचीत में वित्तपोषण को लेकर कोई सहमति नहीं बन पायी.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर की मांग कर रहे हैं, लेकिन विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता इसका विरोध कर रहे हैं.
सरकारी व्यवस्था के ठप होने से बेफिक्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह लंबे समय तक बंदी के लिए तैयार हैं. उन्हें इस पर ‘गर्व’ होगा. उन्होंने इस स्थिति के लिए डेमोक्रेट सांसदों को जिम्मेदार ठहराया.
क्या होगा असर
अमेरिका में सरकारी शटडाउन से करीब 8 लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन बंद हो जायेंगे. करीब 3.80 लाख लोग तत्काल काम करना बंद कर देंगे. सीनेट कमेटी की रिपोर्ट में यह जिक्र किया गया है. कहा गया है कि आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन इनके कर्मचारी विदाउट पे (बिना वेतन) काम करेंगे. इसमें देश की सुरक्षा से जुड़ी परिवहन व्यवस्था, जेल के गार्ड, एफबीआई एजेंट्स और बॉर्डर पैट्रोल एजेंट्स शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बंदी से छुट्टियों के इस मौसम में नेशनल पार्क्स में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
बाजार पर भी दिखा असर
अमेरिकी कांग्रेस में सरकार और विपक्ष की तकरार का असर शेयर बाजार पर भी पड़ा. शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट के स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गयी. नैसडैक, डाऊ और एस एंड पी में 500 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी. वर्ष 2009 के बाद यह पहला मौका है, जब शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखी गयी है.