VIDEO: इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से आयी भयंकर सुनामी, मृतकों की संख्या 168 तक पहुंची

जकार्ता : इंडोनेशिया के सुंडा जलडमरूमध्य में शनिवार रात ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 168 हो गई है तथा सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं. सुनामी ने कई पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया और भारी तबाही मचाई. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2018 7:56 AM

जकार्ता : इंडोनेशिया के सुंडा जलडमरूमध्य में शनिवार रात ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 168 हो गई है तथा सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं. सुनामी ने कई पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया और भारी तबाही मचाई. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि आपदा में 700 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है और कम से कम 30 लोग लापता हैं.

एजेंसी ने बताया कि क्राकाटोआ ज्वालामुखी फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात 9:27 बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए. लोगों को बचाने के लिए खोज और बचाव का काम तेज कर दिया गया है. इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटाओ ज्‍वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन सुनामी का कारण हो सकता है. उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया.

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इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी सुनामी की असली वजह पता लगाने में जुटी है. प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर सुनामी का मंजर सोशल मीडिया पर बयां किया है। ओयस्टीन एंडरसन ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘तट से गुजरते समय लहरों की ऊंचाई 15 से 20 मीटर थी, जिसकी वजह से हमें तट से भागना पड़ा.’ उसने कहा कि वह ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था कि अचानक तेज गति से आती एक बड़ी लहर दिखी.

एंडरसन ने लिखा, "दूसरी लहर एक होटल में घुसी जहां हम रुके हुए थे. मैं परिवार के साथ किसी तरह जंगल और गांव के रास्ते बचने में कामयाब रहा, फिलहाल स्थानीय लोग हमारी देखभाल कर रहे हैं, शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं." टीवी चैनलों पर जावा के पश्चिमी पट पर स्थित मशहूर कारिता बीच पर हुए नुकसान की तस्वीरें भी दिखाई जा रही हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने भी आंखों देखा मंजर बयान किया है. सुनामी के समय कारिता बीच पर मौजूद मुहम्मद बिनतांग ने बताया कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं और अंधेरा छा गया. पंद्रह वर्षीय बिनतांग ने कहा, "हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई.’ सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र में पड़ा है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुग्रोहो ने कहा कि अब तक आपदा में 168 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और अन्य 30 लोग लापता हैं तथा 745 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि हताहत होने वाले लोगों की संख्या में और इजाफा हो सकता है क्योंकि सभी प्रभावित क्षेत्रों तक संपर्क नहीं हो सका है. नुग्रोहो ने कहा कि खोज और बचाव के लिये बुरी तरह प्रभावित इलाकों में भारी मात्रा में उपकरण भेजे जा रहे हैं. इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उठने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे। इसके अलावा दक्षिणी सुमात्रा के बांदर लामपंग शहर में सैकड़ों लोगों को गवर्नर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी है.

भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि हिंद महासागर और जावा समुद्र को जोड़ने वाले सुंडा जलडमरूमध्य में सुनामी आने से करीब 24 मिनट पहले अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी फटा था. देश की राजधानी जकार्ता से करीब 200 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में 305 मीटर ऊंचा ज्वालामुखी जून से ही फटना शुरू हो गया था. अधिकारियों ने ज्वालामुखी के गड्ढे से दो किलोमीटर तक के क्षेत्र को प्रतिबंधित जोन घोषित कर लोगों को वहां नहीं जाने का परामर्श जारी किया था. इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में करीब 2,500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

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