Sudan : रोटी के लिए संघर्ष, 19 लोगों की मौत, 219 घायल
खारतुम : रोटी की कीमतों में हुई वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और सूडान की दंगा-रोधी पुलिस के बीच हुई झड़पों में 19 लोग मारे गये हैं. सरकार ने गुरुवार को बताया कि मरने वालों में दो सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. सरकारी प्रवक्ता बोशरा जुमा ने टीवी पर बताया कि घटनाओं में दो […]
खारतुम : रोटी की कीमतों में हुई वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और सूडान की दंगा-रोधी पुलिस के बीच हुई झड़पों में 19 लोग मारे गये हैं.
सरकार ने गुरुवार को बताया कि मरने वालों में दो सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. सरकारी प्रवक्ता बोशरा जुमा ने टीवी पर बताया कि घटनाओं में दो सुरक्षाकर्मियों सहित 19 लोग मारे गये हैं. 219 लोग घायल हुए हैं.
जुमा ने बताया कि रोटी की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन 19 दिसंबर से शुरू हुए. उन्होंने बताया कि अधिकतर मौतें लूट की घटनाओं के दौरान हुईं. हालांकि, राजधानी खारतुम में कोई मौत नहीं हुई है.
इससे पहले, सूडान के अधिकारियों ने आठ लोगों की मौत की पुष्टि की थी, जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मृतकों की संख्या 37 बतायी थी.
सूडानीज जर्नलिस्ट्स नेटवर्क ने प्रदर्शन में हुई लोगों की मौत के खिलाफ 27 दिसंबर से तीन दिन की हड़ताल का एलान गुरुवार को किया. वहीं, सूडान के कई संगठनों ने आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के लिए लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की है.
सूडान की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम सूडान की जनता से अपील करते हैं कि वे सड़कों पर उतरें और तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखें, जब तक कि हम इस सरकार को उखाड़ नहीं फेंकते.’ प्रदर्शनों के दौरान इस पार्टी के कई सदस्यों को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है.
सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंत्री ने दिया इस्तीफा
बशीर की गठबंधन सरकार पर दबाव बनाने के लिए उत्तरी प्रांत के एक मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. गठबंधन सरकार में उम्मा रिफॉर्म एंड रिनीवल पार्टी के सदस्य एवं स्वास्थ्य मंत्री अब्दरऊफ ग्रानास ने प्रदर्शनों से निबटने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ने कहा है कि अब्दरऊफ सरकार में उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे. पार्टी ने उनसे कहा है कि वे सरकार से अलग हो जायें.
अखबार के दफ्तर से आठ पत्रकारों को उठा ले गये अधिकारी
स्वतंत्र समाचार पत्र अल तायर के संपादक उस्मान मिरगानी ने बताया कि अखबार के बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों और अखबार के आठ पत्रकारों को सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी कहीं अज्ञात स्थल पर ले गये. हिरासत में लिये गये पत्रकारों में एक ने बताया कि जल्दी ही सभी को रिहा कर दिया गया. पत्रकारों ने बताया कि अखबारों पर सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव, पत्रकारों की पिटाई और प्रदर्शनों की कवरेज करने वाले मीडियाकर्मियों की गिरफ्तारी के खिलाफ वे प्रदर्शन कर रहे थे.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सूडान में पत्रकारों की समस्या रही है कि सरकारी एजेंसियां उन्हें परेशान करती हैं. सरकारी संस्थान नेशनल इंटेलिजेंस एंड सिक्यूरिटी सर्विस के माध्यम से समाचार पत्रों में छपने वाले समाचारों को दबाने का दबाव बनाते हैं.