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बांग्लादेश आम चुनाव : मतदान संपन्न, हिंसा में 17 लोगों की मौत

ढाका : बांग्लादेश में नयी सरकार चुनने के लिए रविवार को मतदान संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री शेख हसीना नीत सत्तारूढ़ अवामी लीग द्वारा धांधली के आरोपों के बीच चुनावी हिंसा में 17 लोगों की मौत हो गयी. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहा. नतीजे 24 घंटे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2018 5:58 PM

ढाका : बांग्लादेश में नयी सरकार चुनने के लिए रविवार को मतदान संपन्न हुआ. प्रधानमंत्री शेख हसीना नीत सत्तारूढ़ अवामी लीग द्वारा धांधली के आरोपों के बीच चुनावी हिंसा में 17 लोगों की मौत हो गयी. मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहा. नतीजे 24 घंटे के भीतर घोषित होंगे.

राजधानी के ढाका सेंटर में सबसे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वोट डाला. हसीना के रिश्तेदार एवं पार्टी सांसद फजले नूर तापस इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वोट डालने के बाद हसीना ने कहा, मुझे हमेशा चुनाव में हमारी जीत का यकीन रहता है. मुझे अपने लोगों पर यकीन है और मुझे पता है कि वे हमें चुनेंगे ताकि उन्हें बेहतर भविष्य मिल सके. एक ओर जहां हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर जेल में बंद उनकी चिर प्रतिद्वंदी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया का भविष्य अधर में लटका नजर आता है.

सूचनाओं के मुताबिक, जिया आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हैं. बांग्लादेश में सभी स्कूलों और कॉलेजों को रविवार के लिए मतदान केंद्र बना दिया गया है. लोग सुबह आठ बजे मतदान शुरू होने से पहले ही केंद्रों पर कतार में लग गये थे. इस बीच, देश में विभिन्न जगहों पर चुनावी हिंसा हुई और मीडिया में 17 लोगों के मरने की खबर है. चुनावी हिंसा में दर्जनों लोग घायल हुए हैं. ‘बीडीन्यूज24′ की खबर के अनुसार, देश में रंगमती के कावखाली में सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी समर्थकों के बीच झड़प में जुबो लीग के एक नेता की मौत हो गयी और 10 अन्य लोग घायल हो गये. ‘जुबो लीग’ अवामी लीग की युवा शाखा है.

समाचार पोर्टल के अनुसार, चटगांव में बीएनपी का कार्यकर्ता मारा गया, जबकि राजशाही में अवामी लीग के समर्थक की मौत हुई है. नरसिंहगड़ी-3 संसदीय क्षेत्र में आवामी लीग का एक पोलिंग एजेंट मारा गया है. डेली स्टार अखबार के मुताबिक, राजशाही-3 के मोहनपुर में बीएनपी के कार्यकर्ता ने हमला कर आवामी लीग के समर्थक की हत्या कर दी. वहीं, चांडिना में पुलिस की गोलीबारी में ओकिया फ्रंट का एक समर्थक मारा गया है. दिनाजपुर-2 में आवामी लीग और बीएनपी समर्थकों के बीच झगड़े में एक मतदाता की मौत हो गयी. कॉक्स बाजार-1 में बांग्लादेश छात्र लीग और बीएनपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में लीग के एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी. बोगुरा-4 में बगैल सरकारी प्राथमिक शाला में बीएनपी समर्थकों के साथ हुई झड़प में आवामी लीग के एक समर्थक की मौत हो गयी.

नोवाखाली-3 में जमात के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गयी. बीएनपी के छह उम्मीदवारों सहित कम से कम सात उम्मीदवारों ने चुनावों से हटने की घोषणा की और उनमें से ज्यादातर ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्रों से उनके एजेंटों को बाहर कर दिया. बीएनपी के रुहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि देश के मतदान केंद्रों पर कब्जा किया जा रहा है और उनकी पार्टी के एजेंटों को बाहर निकाला जा रहा है. उसके समर्थकों और कार्यकर्ताओं को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. रिजवी ने पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें जैसा कि पता चला है, यह हिंसावाला चुनाव है. हमें सरकार के इशारे पर एकतरफा चुनावी माहौल देखने को मिल रहा है. इससे तस्वीर साफ है कि वे एकतरफा जंग के जरिये अपने फायदेवाले नतीजे चाहते हैं.

बांग्लादेश पुलिस प्रमुख मोहम्मद जावेद पटवारी ने कहा कि राष्ट्रव्यापी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे हैं. उन्होंने हिंसा की छिटपुट घटनाओं की जांच करने की बात कही. हजारों सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों सहित छह लाख सुरक्षाकर्मियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैनात किया गया है. देश में 10.41 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. सुरक्षा एजेंसियों से धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है क्योंकि मीडिया में ऐसी खबरें आयी हैं कि 16 से 26 दिसंबर के बीच शरारती तत्वों ने हिंदुओं के तीन घरों को जला दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त नूरुल हुडा ने संवाददाताओं से कहा, कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़कर, अब तक मतदान सुचारू और शांतिपूर्ण रहा है. बांग्लादेश के टेलीकॉम नियामक ने रविवार मध्य रात्रि तक मोबाइल 3जी/4जी सेवा बंद करने का आदेश दिया है, ताकि चुनावों के दौरान अशांति फैलानेवाली अफवाहों से बचा जा सके.

1971 में पाकिस्तान से आजादी मिलने के बाद बांग्लादेश में यह 11वां आम चुनाव है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 300 संसदीय सीटों में से 299 सीटों पर चुनाव हो रहा है जिसके लिए 1,848 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव के लिए 40,183 मतदान केंद्र बनाये गये हैं.

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