सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा है कि उनका देश अमेरिका से अच्छे रिश्ते रखना चाहता है, लेकिन यदि वाशिंगटन प्रतिबंध जारी रखेगा तो प्योंगयांग अपना रुख बदलने पर विचार कर सकता है. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक पहल की शुरुआत होने के 12 महीने बाद किम ने मंगलवार को अपने नववर्ष संबोधन में यह बात कही.
किम ने कहा, अमेरिका ने अगर दुनिया के सामने किये अपने वादों को पूरा नहीं किया और हमारे देश के खिलाफ प्रतिबंध और दबाव बढ़ाता रहा, तो हमारे पास अपनी संप्रभुता एवं हितों की रक्षा करने के लिए कोई नया रास्ता खोजने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जायेगा. सिंगापुर में पिछले साल जून में शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. लेकिन, वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच उसके वास्तविक अर्थ को लेकर चल रही बहस के कारण इस पर प्रगति नहीं हुई है. किम ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फिर से मुलाकात को तैयार हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार्य नतीजे निकालने के पूरे प्रयास करेंगे.
उत्तर कोरिया प्रतिबंध से ढील देने की मांग कर रहा है और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए उसपर जोर देने की आलोचना करते हुए इसे माफिया जैसा कृत्य बताया है. जबकि, अमेरिका उत्तर कोरिया के पूरी तरह परमाणु निरस्त्रीकरण पर जोर दे रहा है. दक्षिण कोरिया के पूर्व उप एकीकरण मंत्री किम ह्यूंग सोक ने कहा कि किम का संबोधन उनकी हताशा को दिखाता है और समझौते पर अभी तक कुछ भी प्रगति नहीं हुई है.
उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों के कई प्रतिबंध लगे हैं, जिससे परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया गया है. सियोल और वाशिंगटन के बीच एक सुरक्षा संधि है और अमेरिका ने दक्षिण कोरिया को पड़ोसी देश से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने 28,500 सैनिक वहां तैनात कर रखे हैं. किम के बयान पर सियोल के एकीकरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम कोरियाई प्रायद्वीप में पूरी तरह परमाणु निरस्त्रीकरण और स्थायी शांति तथा उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के रिश्ते में बेहतरी के लिए किम की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं.