जिनपिंग ने दी धमकी, ताइवान स्वतंत्रता का विचार छोड़ शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण को स्वीकारे
बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को ताइवान से कहा कि वह स्वतंत्रता की बात को छोड़कर ‘एक देश दो प्रणाली’ के आधार पर चीन के साथ शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण को अपनाये. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताइपे स्वतंत्रता के विचार पर कायम रहता है तो वह सेना […]
बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को ताइवान से कहा कि वह स्वतंत्रता की बात को छोड़कर ‘एक देश दो प्रणाली’ के आधार पर चीन के साथ शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण को अपनाये. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताइपे स्वतंत्रता के विचार पर कायम रहता है तो वह सेना का इस्तेमाल करने के विकल्प से पीछे नहीं हटेंगे.
राष्ट्रपति शी ने अपने ताइवानी साथियों को संदेश जारी करने की 40वीं वर्षगांठ पर भाषण देते हुए ताइवान के शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण के लिए हांगकांग की तर्ज पर एक देश दो प्रणालियों का प्रस्ताव रखा. 65 वर्षीय शी ने शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण को सभी के लिए हितकारी बताते हुए कहा, एक चीनी दूसरे चीनी से लड़ता नहीं है. उन्होंने स्वतंत्रता की कट्टर समर्थक ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन को कड़ा संदेश देते हुए कहा, हम बल प्रयोग के इस्तेमाल से बचने का कोई वादा नहीं करते और सभी आवश्यक कदम उठाने का विकल्प खुला रखते हैं. शी ने कहा कि हांगकांग और मकाऊ दोनों को ‘एक देश दो प्रणालियों’ के आधार पर चीन में एकीकृत किया गया और उन्होंने अपनी स्वायत्ता बरकरार रखी.
उन्होंने देशभर में टीवी पर सीधे प्रसारित किये जा रहे भाषण में कहा, शांतिपूर्ण पुन:एकीकरण और एक देश दो प्रणालियां राष्ट्रीय पुन: एकीकरण को हासिल करने का सर्वश्रेष्ठ जरिया हैं. यह चीनी लोगों के इस ज्ञान को प्रतिबिंबित करता है कि सभी नदियां सागर में मिलती हैं. शी ने ताइवान को हालिया महीने में अमेरिका के बढ़ते समर्थन का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि उनका संदेश उनके ताइवानी साथियों के लिए नहीं हैं, बल्कि हस्तक्षेप करनेवाले बाहरी तत्वों के लिए है. उनका संदेश ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थक अलगाववादियों और उनकी गतिविधियों के लिए है.